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पाकिस्तानके निर्वासित हिंदुओंके विषयमें विशेष जागृति अभियान चलानेवाली कर्नाटककी ‘दैनिक विजय

माघ शुक्ल पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११५

प्रसारमाध्यमों, आज हिंदु निष्क्रिय, उदासीन एवं निद्रीस्त होनेमें आपका अत्यधिक हिस्सा है । भारतीयोंमें पुनः पराक्रमकी चेतना जागृत करनेमें आपका उत्तरदायित्व निभाएं !


५.१.२०१४ को कर्नाटकमें हिंदू जनजागृति समितिद्वारा पाकिस्तानसे भारत आए विस्थापित हिंदुओंकी समस्याओंके संदर्भमें राष्ट्रीय आंदोलन आयोजित किया गया था । इस विषयके आंदोलनको दैनिक विजयवाणीने भारी मात्रामें प्रसिद्धी दी । दैनिक विजयवाणीके इस राष्ट्रकार्यमें सम्मिलित होनेसे प्रसिदि्धमाध्यमोंको सीख लेने हेतु इस संदर्भमें जानकारी प्रसिद्ध कर रहे हैं ।

१. चर्चामें कर्नाटकके अन्य विषय रहनेके कारण राष्ट्रीय आंदोलनमें जनताके सहभागके विषयमें संदेह प्रतीत होना ।

पाकिस्तानसे भारत आए विस्थापित हिंदुओंकी समस्याओंके संदर्भमें कर्नाटकमें आयोजित राष्ट्रीय आंदोलनके विषयमें लोगोंको अधिक जानकारी नहीं थी । इस विषयको प्रसारमाध्यमोंद्वारा प्रसिद्धी नहीं दी गई थी । कर्नाटकके स्थानीय महाविद्यालयीन युवतीका अपहरण, बेन्नी हीन इत्यादि विषय ही चर्चामें थे । इसलिए इस आंदोलनमें जनता कहांतक सम्मिलित होंगी इस विषयमें संदेह प्रतीत हो रहा था । 

२. समाजमें वातावरण उत्पन्न होने हेतु दैनिक विजयवाणीमें आंदोलनके संदर्भमें विशेष वार्ता प्रसिद्ध करने हेतु देना 

समाजमें वातावरण उत्पन्न हुए बिना आंदोलनमें जनसाधारणका सम्मिलित होना कठिन था । अतः इसके लिए ३.१.२०१४ को दैनिकमें प्रकाशित करने हेतु विशेष वार्ता सिद्ध की गई । उसी दिन संध्या समय दैनिक विजयवाणीके संपादक श्री. तिम्मप्पा भटको संपर्क कर इस घटनाके विषयमें विस्तृत जानकारी बताई गई । इस समय इसे विशेष वार्ताके रूपमें प्रसिद्ध करने हेतु वे सिद्ध हुए । तद्नुसार माहिती, छायाचित्र एवं वार्ता उन्हें भेजी गई । ४.१.२०१४ को विजयवाणीकी राष्ट्रीय वार्तामें हिंदु निर्वासित शीर्षकके माध्यमसे छायाचित्रके साथ पाकिस्तानके हिंदुओंकी विशेष वार्ता प्रसिद्ध की गई । इतनाही नहीं, अपितु हिंदू जनजागृति समितिद्वारा इस विषयमें राष्ट्रीय आंदोलन छेडनेके संदर्भमें भी समाचार प्रसिद्ध किया गया ।

३. दैनिक विजयवाणीके वार्ताहरोंका विशेष संशोधन वार्ता सिद्ध करना

दैनिक विजयवाणीके बंगलुरूके संपादकने पाकिस्तानसे भारत आए विस्थापित हिंदुओंके संदर्भमें विशेष संशोधन वार्ता सिद्ध करनेका निर्णय लिया । तद्नुसार  ४.१.२०१४ को उनके देहलीके वार्ताहर श्री. राघव शर्माने देहलीके निर्वासित हिंदुओंके निवासस्थानपर जाकर उनकी पूरी जानकारी साक्षात्कारके स्वरूपमें लेकर अहवाल सिद्ध किया ।

४. राज्यव्यापी आंदोलनकी चेतना जागृत करनेवाली दैनिक विजयवाणी ! 

५.१.२०१४ को दैनिक विजयवाणीके मुखपृष्ठपर

‘हिंदुस्थानमें हिंदुही निर्वासित !’

‘राज्यव्यापी आंदोलनके लिए हिंदुओंद्वारा आवाहन !’

ऐसी विशेष वार्ता प्रसिद्ध की गई, जिसके कारण पाकिस्तानसे आए हिंदुओंके विषयमें व्यापक जनजागृति उत्पन्न हुई । अनेक हिंदुनिष्ठ प्रमुखोंने आंदोलनके दिन दूरभाष कर हिंदू जनजागृति समितिके राज्य प्रवक्ताके रूपमें मेरा एवं दैनिक विजयवाणीके संपादकका अभिनंदन किया । 

५. विशेष वार्तासे प्रेरित होकर अनेक स्थानोंपर आंदोलन होना 

कर्नाटक राज्यके अनेक जिलोमें श्रीराम सेनासमान अनेक संगठनोंद्वारा इस वार्ताके आधारपर आंदोलन किए गए । अनेक लोग समितिके आंदोलनमें सम्मिलित हुए । अनेक लोगोंने दूरभाष कर कहा कि हमारे जिलेमें ऐसा आंदोलन करें । 

६. समितिके कार्यका राज्यस्तरपर प्रसार होना 

हिंदू जनजागृति समितिद्वारा किए गए आंदोलनकी वार्ता छायाचित्रके साथ राज्यस्तरीय दैनिक ‘दैनिक विजयवाणी’में  छापनेके कारण राज्यस्तरपर उसे प्रसिद्धि मिली । 

(‘दैनिक विजयवाणी’ समाचारपत्रद्वारा किए गए राष्ट्र एवं धर्म जागृतिके कार्यके विषयमें उनका अभिनंदन ! लोकतंत्रके चौथे स्तंभके रूपमें अपना दायित्व निभानेवाले इस दैनिकसे अन्य समाचारपत्र एवं प्रसारमाध्यम प्रेरणा लेकर अपने कर्तव्यके प्रति जागृत होकर कार्य करेंगे वही सुदिन होगा ! केवल एक दैनिकके सक्रिय योगदानसे हिंदुओंमें इतनी जागृति होती है, तो यदि सभी प्रसारमाध्यम स्वयंसे प्रामाणिक रहकर सत्यको अपनाकर आचरण करेंगे, तो हिंदुओंकी अर्थात देशकी होनेवाली अपकीर्ति, बदनामी एवं दुरावस्था दूर होनेमें कितना विलंब लगेगा ! प्रसारमाध्यमों, आज हिंदु निष्क्रिय, उदासीन एवं निद्रीस्त होनेमें आपका अत्यधिक हिस्सा है । अभी भी समय है । देशकी वर्तमान स्थितिमें परिवर्तन लाने हेतु समय रहते ही जागृत हों एवं भारतीयोंमें पुनः पराक्रमकी चेतना जागृत करनेमें आपका उत्तरदायित्व निभाएं !

– संपादक दैनिक सनातन प्रभात )  

– श्री. मोहन गौडा, समन्वयक, हिंदू जनजागृति समिति, कर्नाटक

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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