माघ शुक्ल पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११५
लवजिहाद अब एक अंतरराष्ट्रीय समस्या होनेके उदाहरण
अमृतसर (पंजाब) – इंगलैंडमें हिंदु एवं ईसाई कन्याओंके साथ ही बडी संख्यामें सिक्ख कन्याएं भी धर्मांधोंके लव जिहाद षडयंत्रकी बलि चढ रही हैं, यहां सुवर्णमंदिरमें आयोजित सिखसमाजके सर्वोच्च मंडल अकाल तख्तकी बैठकमें ऐसी चिंता व्यक्तकी गई । (सिक्खोंकी सर्वोच्च धार्मिक संस्था, अकाल तख्तकी बैठकमें लवजिहाद द्वारा सिक्ख धर्मपर होनेवाले आघातकी चर्चा होती है, किंतु हिंदुओंके कितने धार्मिक सम्मेलनोंमें लवजिहादकी विभीषिका एवं उसके निवारणार्थ आवश्यक उपायोंकी चर्चा होती है ?- संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
अनिवासी सिक्ख एवं इंगलैंडके विविध गुरुद्वाराओंमें कार्यरत सिक्खोंकी संस्थाओंने अकाल तख्तको इन घटनाओंकी जानकारी प्रदान की । इन संस्थाओंमें सिक्खोंके अनेक प्रतिष्ठित व्यक्ति कार्यरत हैं । उन्होंने सूचित किया कि लव जिहादके षडयंत्रमें फंसी हुई कुछ कन्याओंको धर्मांतर करनेके उपरांत पाकिस्तान भेजा गया । उनके मुसलमान पति एवं कुटुंबके अन्य सदस्योंद्वारा उनसे घरके कार्य करनेवाली महिलाओं जैसा व्यवहार किया जाता है । उनमेंसे कुछ कन्याओंको उनके अभिभावकोंद्वारा छुडवाया गया । इंगलैंडमें लव जिहादके षडयंत्रमें फंसी कन्याओंकी संख्या कुछ सैकडोंमें है, ऐसा सिक्ख समाजके सूत्रोंका कहना है । लव जिहादके षडयंत्रका प्रारंभ केरल राज्यमें हुआ तथा वर्ष २००६ से २००९ तक वहांके २ सहस्र ८६८ कन्याएं इस षडयंत्रकी बलि चढ चुकी हैं, ईसाई समाजके सर्वेक्षण आलेखमें ऐसी सूचना दी गई है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात