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चतुर्थ अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन के संदर्भ में पूज्यपाद संतश्री आसारामजी बापू के भक्तगणों द्वारा व्यक्त मनोगत

इसके आगे हम संतों का अपमान नहीं सहन करेंगे ! – सुश्री नीलम दूबे, प्रवक्ता, संतश्री आसाराम बापू आश्रम, गुजरात

नेपाल में महाविनाशकारी भूकंप आकर गया । इस भूकंप की वार्ता सुनकर कारावास में रहनेवाले पूज्यपाद संतश्री आसारामजी बापू ने नेपाल मेें भूकंप पीडितों को सहायता करने हेतु जाने की इच्छा प्रदर्शित की; परंतु उन्हें यह संभव नहीं हुआ । प्रत्यक्ष में नेपाल में इतनी सहायता पहुंची कि उन्हें, ‘अब सहायता नहीं चाहिए’, ऐसा कहना पडा । यह पू. बापूजी के संकल्प का परिणाम था । पू. बापूजी के आशीर्वाद से एक युवक नशीले पदार्थों से व्यसनमुक्त हुआ । सभी प्रसारमाध्यमों पर अधर्म का प्रभाव है । एक बार गाडी से जाते समय एक युवा शिष्य ने देखा कि कुछ निर्धन लोग ठंड में पदपथ पर खुले स्थान में सोए हैं । तत्पश्चात उसने अपने मित्रों की सहायता से वंâबल एकत्र कर उन लोगों के मध्य वितरित किए । एक ओर अभिनेता सलमान खान है, जिसने पदपथ पर सोए निर्धन लोगों को सस्ती गाडी से कुचल डाला एवं दूसरी ओर पदपथ पर शयन किए निर्धन लोगों की ठंड से रक्षा होने हेतु वंâबल वितरित करनेवाले पू. बापूजी के भक्त । तब भी पू.बापूजी पर अन्याय हो रहा है । इसके आगे हम संतों का अपमान नहीं सहन करेंगे ।

जब तक अंग्रेजों का संविधान परिवर्तित नहीं होता, तब तक देश की स्थिति में सुधार नहीं है ! – श्री. राजेश शर्मा, राष्ट्रीय संयोजक, संस्कृति रक्षक संघ

विज्ञान द्वारा दिखाए गए विकास के मार्ग में निसर्ग की भारी मात्रा में हानि हो गई है । इसलिए आज अत्यधिक मात्रा में प्रदूषण होने के कारण तापमान बढ रहा है एवं जंगल तथा प्राणियों का क्षय होने से अनेक रोगों का सामना करना पड रहा है । विदेशी अंतर्राष्ट्रीय आस्थापनों के कारण अत्यधिक मात्रा में हानि हो रही है । जब तक हम अंग्रेजों का संविधान एवं कानूनों में परिवर्तन नहीं करेंगे, तब तक गोहत्या तथा लव जिहाद समान समस्याओं पर समाधान मिलना संभव नहीं है । हमें अपनी व्यवस्था एवं देश का संविधान सिद्ध कर लागू करना चाहिए ।’’

अब हिन्दुत्व के लिए प्रत्यक्ष कार्य करना है ! – श्री. अशोकानंद, भारत जागृति मोर्चा

ईसाई मिशनरी हिन्दुओं की छोटी बालिकाओं को शिक्षा देते हैं; परंतु लडकियां बडी होने पर उन्हें ईसाई पंथ का प्रसार करने हेतु भेजा जाता है । अब हमें केवल भाष्य नहीं करना है, अपितु हिन्दुत्व के लिए प्रत्यक्ष कार्य करने हैं । हमें छत्रपति शिवाजी महाराज की वीर भूमि की रक्षा करने का कार्य करना है ।

महाराणा प्रताप एवं छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमि की रक्षा करनी है ! – कु. खुशाल कुमार, चंडीगढ (आयु ११ वर्ष) (सुश्री नीलम दूबे का लडका )

मैंने अधिवेशन की अवधि में अध्यात्म विश्‍वविद्यालय के संदर्भ में दृश्यश्राव्यचक्रिका देखी । वह देखकर प.पू. डॉक्टर छोटे बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए कितने तत्पर हैं, इस विषय में आश्‍चर्य प्रतीत हुआ । प.पू. बापूजी भी छोटे बच्चों में विद्यमान सुप्त शक्ति जागृत करते हैं । परंतु हमारे प.पू. बापूजी समान गुरु बिना किसी अपराध के कारावास में हैं । इसको ही कलियुग कहते हैं । कलियुग में अपराधियों की रक्षा एवं साधु-संतों से छल किया जा रहा है । हमें अब वीर महाराणा प्रताप एवं छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमि की रक्षा करनी है ।

अपनी धर्माचरण करने की स्वतंत्रता छिनी जा रही है । – कु. नारायण बांगा,फरीदाबाद, हरियाणा (आयु १० वर्ष)

कु.नारायण ने कहा कि हमने जिस धर्म में जन्म लिया, उस धर्म का आचरण करने की स्वतंत्रता आज हम से छिनी जा रही है । हिन्दुओं को विस्थापित होने पर विवश किया जा रहा है । धर्मपरिवर्तन, जिहाद तथा पश्चिमी संस्कृति के अतिक्रमण के कारण हिन्दुत्व पर आघात हो रहे हैं । देश में एक निराली ही (हिन्दुत्वविरोधी) लहर फैली है । हमारे पू. गुरुदेव (पूज्यपाद संतश्री आसारामजी बापू) बिनी किसी  अपराध के २१ माह से कारावास में हैं । संतों को कितना कष्ट दिया जा रहा है ! यह सब मर्यादा से परे है । हम न्याय की प्रतीक्षा में हैं । जिस समय धर्म को ग्लानि आती है, उस समय श्रीकृष्ण अवतार लेते हैं । हम श्रीकृष्ण की प्रतीक्षा कर रहे हैं ।

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