चतुर्थ अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन के अंतिम सत्र में श्री रामनाथ देवस्थान समिति के अध्यक्ष एवं भूतपूर्व सांसद श्री. रमाकांत आंगले ने अपना मनोगत व्यक्त करते हुए कहा कि जब जब धर्म को ग्लानि आती है, तब तब ईश्वर अवतार लेता है । इस अनुसार वह उसका कर्म करेगा, वैसे ही हमें भी अपना कर्म करना ही पडता है । आप अगले वर्ष भी अधिक संख्या में आइए ! हम देवस्थान में और १०० कक्ष बढाएंगे । इसलिए यहीं पर आप सभी की व्यवस्था करेंगे । आप को अन्यत्र कहीं जाना नहीं पडेगा । आप हमारे देवस्थान में स्थित सभी सभागृहों का उपयोग करें । बूंद बूंद से सागर बन जाता है, आज अपना हो ना हो, कल अपना होता है, ‘हिन्दू राष्ट्र’ आने ही वाला है ! भारत पुण्यभूमि है । ८४ लाख योनी फिरकर हमने भारत में जन्म लिया है । इसलिए हम भाग्यवान हैं । (अगले समय होनेवाले अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन के लिए इसी समय पूरे हिन्दुत्वनिष्ठों के निवास का दायित्व लेकर श्री. रमाकांत आंगले ने सभी हिन्दुओं के समक्ष एक आदर्श ही स्थापित किया है ! अन्य लोगों को भी इस से प्रेरणा लेकर कृत्य करना चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात