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आतंकियों की आंखों में भी चुभ गई थी इस मंदिर की खूबसूरती…

माघ शुक्ल पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११५


गांधीनगर (गुजरात) : गुजरात के गांधीनगर में स्थित अक्षरधाम मंदिर २००२ में हुए आतंकी हमले के बाद एक बार फिर से चर्चा में है। कारण, कांग्रेस महासचिव मधुसूदन मिस्त्री द्वारा दिया गया बयान। मिस्त्री ने एक शगूफा छोड़ते हुए कहा है कि २००२ में अक्षरधाम मंदिर में हुए आतंकी हमले की जानकारी गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को पहले से थी। हालांकि कांग्रेस नेता के इस बयान को उस कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है जिसके तहत पार्टी मोदी को नए मुद्दों के जरिए घेरना चाहती है।

गौरतलब है कि गांधीनगर के अक्षरधाम मंदिर में २४ सितंबर २००२ को दो आतंकियों ने हमला कर दिया था। इस हमले में ३० लोग मारे गए थे और ८० से ज्यादा घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में दोनों हमलावर मारे गए थे।

गुजरात में दर्जनों विश्व विख्यात मंदिर हैं। इन्हीं में से एक है स्वामीनारायण संप्रदाय द्वारा गांधीनगर में बनवाया गया अक्षरधाम मंदिर। मंदिर का निर्माण कार्य १९९२ में पूरा हुआ था। अक्षरधाम मंदिर भक्ति, वास्तुकला, कलाकार्यों ओर प्रदर्शनियों का एक दुर्लभ संयोग है।

भगवान स्वामीनारायण को समर्पित ६००० गुलाबी बलुआ पत्थरों से निर्मित अक्षरधाम मंदिर ७३ मीटर लंबा, ३९ मीटर चौड़ा और ३२ मीटर ऊंचा है। मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इसके निर्माण में कहीं भी सीमेंट या स्टील का इस्तेमाल नहीं हुआ है। यह २३ एकड़ जमीन में फैला हुआ है। मंदिर के प्रथम तल में स्थित हरी मंडपम मंदिर का सबसे पवित्र स्थल है।

इस भव्य मंदिर की कलाकृतियां ही नहीं, बल्कि यहां के बगीचे और फव्वारे भी मनमोहक हैं। वहीं, दीवारों पर उभरी कलाकृतियां दर्शनाथियों को अपने मोहपाश में बांधती हुई नजर आती हैं।

मंदिर परिसर में निर्मित पार्क का नाम सहजानंद पार्क रखा गया है। पार्क में ही एक छोटी सी झील और खूबसूरत फव्वारे हैं। बच्चों के मनोरंजन के लिए भी पार्क में खास व्यवस्था की गई है। यहां एक हर्बल पार्क भी मौजूद है।

इसके अलावा आप यहां रोजना शाम को वाटर शो का भी मजा ले सकते हैं। पानी के इस दिलकश कार्यक्रम में रंगीन बिजली (लाइटिंग) के साथ लेजर के जरिए फव्वारों का शानदार प्रदर्शन किया जाता है।

स्वामीनारायण संप्रदाय

१९७१ से लेकर २००७ तक इस संप्रदाय ने दुनिया के पांच महाद्वीपों में ७१३ मंदिर बनाने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। दिल्ली के बाद भारत में दूसरा बड़ा मंदिर गांधीनगर में है।

स्त्रोत : दैनिक भास्कर

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