माघ शुक्ल पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११५
|
वेटिकन सिटी – संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार समिति ने वेटिकन से उन सभी पादरियों को हटाने की मांग की है जो या तो बच्चों के यौन शोषण में शामिल रहे या इस मामले में संदिग्ध हैं।
समिति की रिपोर्ट में बच्चों के यौन शोषण संबंधी फाइलें खोलने की मांग की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, अपना अपराध को छिपाने वाले पादरियों की फाइल भी खोली जानी चाहिए।
रिपोर्ट में समिति ने समलैंगिकता, गर्भ निरोध और गर्भपात को लेकर 'होली सी [पोप का कार्यालय]' के रवैये की कड़ी आलोचना की है। इसमें कहा गया है कि होली सी को बच्चों के अधिकार और उनका स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करने की अपनी नीति की समीक्षा करनी चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक, चिंता की बात ये है कि होली सी ने यौन संबंधी अपराधों को कुछ हद स्वीकार नहीं किया है। साथ ही बच्चों के यौन शोषण रोकने के आवश्यक कदम भी नहीं उठाए हैं। इसने ऐसी नीतियां अपनाई, जिनसे बच्चों का यौन शोषण जारी रहा और अपराध करने वालों को दंड से मुक्ति मिल जाती है।
समिति ने यौन शोषण आयोग गठित करने की मांग की है। पोप फ्रांसिस ने पिछले वर्ष दिसंबर में ऐसी जांच समिति के गठन की घोषणा की थी। इसे पादरियों द्वारा किए गए यौन शोषण के मामलों की जांच करनी है। इसके अलावा इस बात की भी जांच की जानी है कि यौन शोषण को लेकर समय के साथ किस प्रकार की कार्रवाई की गई थी।
संयुक्त राष्ट्र समिति ने होली सी से ऐसे नियम बनाने को कहा है जिससे यौन शोषण मामले की रिपोर्ट पुलिस में करनी अनिवार्य हो सके। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए वेटिकन ने कहा है कि वह बच्चों के अधिकारों की रक्षा के प्रति वचनबद्ध है।
स्त्रोत : जागरण