हिन्दुओ, यह समाचार पढकर आपके मन में प्रश्न होगा कि अंततः मोदी सरकार धर्मांधो का योग के संदर्भ में तुष्टीकरण कर ही क्यों रही है ? हिन्दुओ, मोदीजी से इस लज्जाजनक तुष्टीकरण का उत्तर मांगो ! – सम्पादक, हिन्दू जनजागृति समिति
विश्वविख्यात अर्थशास्त्र विशेषज्ञ श्री. अतनू डे ने कहा हैं, जो व्यक्ती योग का धर्म नहीं होता ऐसा कहता है, वह या तो अज्ञानी अथवा झूठा अथवा दोनों है । अमेरिका स्थित अतनू डे अपने जालस्थल दीशा डॉट ऑर्ग पर कहते हैं, योग प्राचीन शास्त्र है । यह शुद्ध हिंदु तत्वप्रणाली है तथा मन और देह को एकत्रि करने की प्रक्रिया है । जो धर्मनिरपेक्ष लोग योग तथा धर्म को अलग करना चाहते हैं, वे सहस्रो वर्ष चिंतन कर मानव जीवन में शांती तथा स्थिरता लाने हेतु उत्कृष्ट योग की निर्मिती करनेवाले ऋषी मुनियों का श्रेय लूटना चाहते हैं ।
ट्रान्सफॉर्मिंग इंडिया नामक जालस्थल भी चलानेवाले श्री. डे आगे कहते हैं कि, जिन तथाकथित विचारकों ने आतंकवाद का धर्म नहीं होता ऐसा मूर्खतापूर्ण वक्तव्य किया है, उनसे योग के विषय में समझदारी भरे उद्गारों की अपेक्षा करना व्यर्थ है । हिंदुआें को ऐसे धोखादायी लोगों से सावधान रहना चाहिए । योग का धर्म नहीं होता ऐसा कहनेवाले धूर्त लोगों का गुप्त उद्देश्य हिंदुआें को उनकी गौरवशाली धरोहर से दूर करना है । इसलिए हिंदुआें को ऐसे मूर्खतापूर्ण एवं निरर्थक वक्तव्यों का कठोर विरोध करना चाहिए ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात