क्या हिन्दू कैदियोंको कभी उनके त्यौहार पर एेसी सुविधा दी जाती है ? क्या इसे ही हम धर्मनिरपेक्षता कहेंगे ? – सम्पादक, हिन्दू जनजागृति समिति
लखनऊ : रमजान माह के दौरान जेलों में रोजा रखने वाले बंदियोंके मैन्यू में जेल विभाग ने सुधार किया है। पहले बंदियोंको रोजा के दौरान सुबह और शाम दोनों वक्त भोजन, खजूर और गुड़ दिए जाने की व्यवस्था थी। अपर महानिरीक्षक (प्रशासन) जेल डॉ़ अख्तर रियाज के मुताबिक जो रोजेदार बंदी सुबह का नाश्ता, दोपहर का भोजन और दोपहर बाद की चाय नहीं लेंगे।
उन्हें उसी मूल्य के बराबर गर्मियों में रोजा के दौरान इफ्तारी के समय नींबू का शरबत, २५० ग्राम मौसमी फल और दो बिस्किट दिए जाएंगे। वहीं सहरी के समय ५० ग्राम पाव रोटी, १५ ग्राम चीनी के साथ १०० ग्राम दही दिया जाएगा। जबकि सर्दियों में इफ्तारी के समय एक प्याला चाय, २५० ग्राम मौसमी फल और दो बिस्किट और सहरी के समय ५० ग्राम पाव रोटी, २०० मिली दूध १५ ग्राम चीनी के साथ दिया जाएगा।
दिसंबर २०१५ तक शुरू हो जाएंगी जेलों में बंदी पीसीओ सेवा
कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं के शोध अधिकारी केबी जोशी ने बताया कि दिसंबर २०१५ तक जेलों में बंदी पीसीओ सेवाएं शुरू हो जाएंगी। सरकार ने बंदी पीसीओ स्थापित करने के लिए तीन करोड़ ७० लाख रुपये की स्वीकृति दी है। बीएसएनएल को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है। बंदियोंको सप्ताह में एक बार पांच मिनट के लिए अपने परिजनोंके दिए गए दो टेलीफोन नंबरों में से एक पर बात करने का मौका मिलेगा।
बंदी जो फोन नंबर देगा, उसकी स्थानीय थानेद्वारा पड़ताल कराई जाएगी। सॉफ्टवेयर से संचालित इस व्यवस्था में बंदी किओस्क टेलीफोन बूथ में निर्धारित स्थान पर अपने अंगूठे को रखेगा, वैसे ही दो नंबर फ्लैश होंगे। उन दो नंबरों में से जिस नंबर पर वह बात करना चाहेगा, स्क्रीन पर उस नंबर को टच करते ही उससे कनेक्ट हो जाएगा। पांच मिनट पूरे होते ही फोन अपने आप कट जाएगा। सुरक्षा के मद्देनजर फोन पर की जाने वाली बातचीत रेकॉर्ड की जाएगी।
स्त्रोत : नवभारत टाईम्स