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वडगावशेरी-पुणे (महाराष्ट्र) के जागृत धर्माभिमानियोंने शिवपिंड की विडंबना को रोका !

धर्मशिक्षा के अभाव में जन्महिन्दुओंद्वारा ऐसे अयोग्य कृत्य किए जाते हैं। इस से ही ध्यान में आता है कि हिन्दुओंको धर्मशिक्षा की कितनी आवश्यकता है !

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वडगावशेरी-पुणे (महाराष्ट्र) : यहांके सी.टी.आर.आस्थापन के समीप के के मैदान में कुछ शिवभक्तोंने एकत्र आकर बडी शिवपिंड रखी थी। उसी मैदान में लोग कूडा डाल रहे थे एवं प्रातर्विधि भी कर रहे थे। (धर्मशिक्षा के अभाव में जन्महिन्दुओंद्वारा ऐसे अयोग्य कृत्य किए जाते हैं। इस से ही ध्यान में आता है कि हिन्दुओंको धर्मशिक्षा की कितनी आवश्यकता है। – संपादक, दैनिक संपादक ) अतः शिवपिंड की विडंबना होकर उसकी पवित्रता नष्ट हो रही थी।

इन सभी घटनाओंको रॉबर्टशॉ आस्थापन के सनातन के साधक सर्वश्री रामदास मेमाणे, दिलीप सुतार एवं सोमनाथ तोडमल ने देखा एवं श्री. रामदास मेमाणे ने वडगाव के पास शेरी के शिववंदना संघ के कार्यकर्ताओंको बताया। सभी हिन्दुत्वनिष्ठोंने एकत्रित आकर शिवभक्तोंको समझाया एवं शिवपिंड का महत्त्व तथा होनेवाली विडंबना पर ध्यान केंद्रीत किया। तदुपरांत शिवपिंड का नदी में विधिवत विसर्जन किया गया। (शिवपिंड की होनेवाली विडंबना तत्काल ध्यान में लेकर उस पर तत्परता से धार्मिक कृत्य करनेवाले धर्माभिमानियोंका अभिनंदन ! ऐसे धर्माभिमानी ही हिन्दू धर्म की शक्ति है। – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

इस अवसर पर वडगावशेरी शिववंदना के सर्वश्री आकाश गलांडे, अमोल जाधव, रोहित गलांडे, मंदार वेदपाठक, सनातन के साधक रामदास मेमाणे, दिलीप सुतार तथा हिन्दू जनजागृति समिति के सर्जेराव ढोकरे तथा साईराज पवळे उपस्थित थे।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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