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बंगाल उच्च न्यायालयमें मंदिरकी पवित्रताका भंग करनेवाले ‘गुंडे’ चलचित्र (सिनेमा)के विरुद्ध जनह

माघ शुक्ल पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११५

कलाकारोंद्वारा ‘गुंडे’ चलचित्र (सिनेमा)में मंदिरके गर्भगृहके समक्ष अधूरे वस्रोंमें नृत्य किया हुआ गीत अंतर्भूत करनेका प्रकरण

हिंदुओ, क्या एक भी चलचित्र (सिनेमा)में किसी चर्च अथवा मस्जिदके बाहर अधूरे वस्त्रमें महिलाएं नृत्य कर रही हैं, ऐसा दर्शाया जाता है ?

 


कोलकाता :  ‘गुंडे’ आगामी हिंदी चलचित्र (सिनेमा)का चित्रीकरण (शूटिंग) यहांके विश्वविख्यात दक्षिणेश्वर काली मंदिरके पवित्र परिसरमें एवं उच्च न्यायालयके सुरक्षित माने जानेवाले क्षेत्रमें किया गया । इस गीतसे मंदिरकी पवित्रताका भंग होनेका कारण बताते हुए न्यायालयके अधिवक्ता कृष्णेंदू गुप्तूने जनहित याचिका प्रविष्ट की है । (धर्महानि रोकने हेतु तत्परतासे कृत्य करनेवाले अधिवक्ता कृष्णेंदू गुप्तूका अभिनंदन ! ऐसे अधिवक्ता सर्वत्र हों ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )  इस याचिकापर ७ फरवरीको न्यायमूर्ति जोयमाल्या बागचीके समक्ष सुनवाई होगी । यह चलचित्र आनेवाली १४ फरवरीको प्रदर्शित होगा । 
याचिकाकर्ताने न्यायालयके समक्ष उपर्युक्त चलचित्रके ‘तुने मारी एन्ट्री’ गीतकी धनिचित्रक्रिका (VCD) प्रस्तुत की । इस गीतका चित्रीकरण काली माताके मंदिरके गर्भगृहके समक्ष किया गया । इस परिसरमें अधिकांश समय श्रद्धालुओंकी भीड रहती है । अधिवक्ता गुप्तुने कहा है कि वर्ष २०११ में ऐसी ही एक चलचित्रके निर्माताको अनुमति अस्वीकार की गई थी । उसीप्रकार इस याचिकामें ऐसा भी परिवाद किया गया है कि इस गीतमें सम्मिलित कलाकार अधूरे वस्त्रोंमे नाच रहे थे । अतः इस मंदिरकी पवित्रता नष्ट हो गई । (हिंदु धर्मके मूलपर उठी बॉलीवूड चलचित्रसृष्टि ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) उच्च न्यायालयका परिसर अत्यधिक संवेदनशील माना जाता है । वहां भी इस गीतका चित्रीकरण किया गया है । इस चित्रीकरणके लिए पुलिसद्वारा अनुमति दी गई थी अथवा नहीं, यह स्पष्ट नहीं हो पाया ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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