माघ शुक्ल पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११५
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नई टिहरी (उत्तराखंड) : भू-बैकुंठ के नाम से सुविख्यात और करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र श्री बदरीनाथ धाम के कपाट इस वर्ष पांच मई को ब्रह्म मुहूर्त में ४:०५ बजे खुलेंगे। इसके अलावा भगवान बद्रीश के अभिषेक के लिए प्रयुक्त होने वाले तिल के तेल यानी गाडू घड़ी को निकालने की तिथि २१ अप्रैल तय की गई है।
बसंत पंचमी के पावन अवसर पर परंपरानुसार नरेंद्रनगर स्थित राजमहल में विधिवत पूजा-अर्चना के बाद महाराजा मनुजेंद्र शाह ने तिथियों की घोषणा की। राज पुरोहित संपूर्णानंद जोशी ने भगवान बदरीनाथ की कुंडली देख कपाट खोले जाने का शुभ मुहूर्त निकाला। २१ अप्रैल को गाडू घड़ी के लिए नरेंद्रनगर राजमहल में तिल का तेल पिरोया जाएगा। इसके पश्चात गाडू घड़ी यात्रा नरेंद्रनगर से रवाना होगी।
इससे पहले डिम्मर पंचायत के लोग गाडू घड़ी लेकर नरेंद्रनगर राजमहल पहुंचे, जहां परंपरागत ढोल व वाद्य यंत्रों के साथ गाडू घड़ी का स्वागत किया गया। इस मौके पर लोकसभा सांसद महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह, बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल, मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह, अनिल शर्मा, प्रसार अधिकारी एनपी जमलोकी, डॉ. हरीश चंद्र गौड़, धर्माधिकारी एसपी उनियाल, राज परिवार के सदस्य ठा. भवानी प्रताप सिंह व राव कीर्ति प्रताप सिंह, डिम्मर पंचायत के दिवस्पति डिमरी, बाचस्पति डिमरी, हरीश डिमरी, आशुतोष डिमरी आदि उपस्थित थे। बताते चलें कि अक्षय तृतीया पर गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की परंपरा है, जबकि शिवरात्रि पर केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाने का मुहूर्त निकाला जाता है।
स्त्रोत : जागरण