मुंबई – शिवसेना ने आज चीन पर आतंकवाद से निपटने में ‘दोहरे मापदंड’ अपनाने का आरोप लगाया। पार्टी ने मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और लश्कर ए तैयबा के कमांडर जकी उर रहमान लखवी की रिहाई को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग संबंधी संयुक्त राष्ट्र में पेश किए गए भारत के प्रस्ताव का चीन द्वारा विरोध किए जाने के आलोक में यह बात कही।
शिव सेना ने अपनी पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा कि (संयुक्त राष्ट्र की) प्रतिबंध लगाने वाली समिति में संयुक्त राष्ट्र के पांच स्थायी और १० अस्थायी सदस्य हैं। इनमें से अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और जर्मनी समेत लगभग सभी देशों ने भारत के इस प्रस्ताव का समर्थन किया लेकिन चीन ने इसका विरोध किया।
पार्टी ने कहा कि एक ओर चीन अपने देश में आतंकवाद को बेरहमी से कुचलता है और दूसरी ओर वह भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने वालों को समर्थन देता है। यह चीन का दोहरा मापदंड है।
शिवसेना ने कहा कि आतंकवादी हमलों में शामिल होने के कारण चीन के शिंजियांग प्रांत में १३ मुसलमानों को हाल में फांसी पर लटकाया गया और इससे पहले भी उस देश में सैकड़ों मुस्लिमों को मारा गया है।
उसने कहा कि यह प्रतीत होता है कि चीन की विचारधारा अपने देश से आतंकवाद का सफाया करने लेकिन भारत में आतंकवादी गतिविधियों को फलने फूलने देने की है। पार्टी ने कहा कि चीन ने १९६० में ‘हिंदी-चीनी भाई-भाई’ का नारा दिया था जो कई बार खोखला साबित हुआ है।
संपादकीय में कहा गया है कि चीन ने पाकिस्तान को परमाणु बम और मिसाइलें मुहैया कराईं और परमाणु संयंत्र लगाने में उसकी मदद की ताकि उसे भारत से बढ़त हासिल हो सके। उसकी सेना छोड़कर पाकिस्तान की सभी युद्ध सामग्री चीन की देन हैं।
शिवसेना ने जोर देकर कहा कि चीन कभी भारत का मित्र नहीं हो सकता। उसने कहा कि यह साबित करने के लिए और क्या सबूत चाहिए? भारत को भविष्य में चीन से सतर्क रहने की आवश्यकता है।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र की समिति में लखवी की रिहाई को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए प्रस्ताव रखा था जिसे चीन ने यह कहकर बाधित कर दिया था कि भारत ने पर्याप्त जानकारी मुहैया नहीं कराई।
इसके मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं चीनी नेतृत्व के समक्ष यह मामला उठाया था। पाकिस्तान की अदालत ने नौ अप्रैल को लखवी को रिहा कर दिया था। इस पर भारत ने कहा था कि पाकिस्तान ने ऐसा करके सीमा पार आतंकवाद को लेकर बार बार दिए गए भरोसे को तोड़ दिया है।
स्त्रोत : आय बी एन खबर