माघ शुक्ल पक्ष ९, कलियुग वर्ष ५११५
तो क्या अब नरेंद्र मोदी भी चुनाव में जितने के लिए कांग्रेस एवं अन्य दलों की तरह मुसलमानों का तुष्टीकरण करने का प्रयास कर रहे है ? – संपादक
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ज्यों-ज्यों लोकसभा के चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, त्यों-त्यों नरेंद्र मोदी को यह बात अच्छी तरह समझ आने लगी है कि मुसलमानों को अपने साथ जोड़े बिना 'नैया' पार लगना मुश्किल है | यही वजह है कि मोदी ने अब खुलकर मुसलमानों को अपने पाले में करने की कवायद तेज कर दी है |
नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अहमदाबाद में कहा कि गुजरात के विकास में हर वर्ग का योगदान है, चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम | उन्होंने अपनी बात को और साफ करते हुए कहा कि विकास यात्रा में हिंदू और मुस्लिम दो पहियों के समान हैं |
नरेंद्र मोदी अहमदाबाद में मुस्लिम ट्रेड फेयर में लोगों को संबोधित कर रहे थे | मोदी ने एक कहावत का सहारा लेते हुए कहा, 'भूखे भजन न होहिं गोपाला ….' उन्होंने कहा कि भूखा व्यक्ति न तो इबादत कर सकता है, न ही भजन |
मोदी के बयान से समझा जा सकता है कि हाल के दिनों में मुसलमानों को लेकर उनका नजरिया थोड़ा 'साफ' हुआ है | कुल मिलाकर मोदी अब चुनावी बिसात पर 'मुस्लिम कार्ड' चलते नजर आ रहे हैं | आने वाले दिनों में मोदी और कैसी-कैसी सियासी चालें चलते हैं, इस ओर पूरे देश की नजर है |
स्त्रोत : आज तक