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बांग्लादेशमें धर्मांधोंद्वारा श्री सरस्वतीदेवीकी मूर्तिकी पवित्रता भंग !

माघ शुक्ल पक्ष नवमी, कलियुग वर्ष ५११५

विश्वमें हिंदुओंका प्रभावी संगठन न होनेका परिणाम !

ढाका  – ‘बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच’ हिंदुनिष्ठ संगठनाके अध्यक्ष श्री. रवींद्र घोषने जानकारी दी है कि धर्मांधोंद्वारा बांग्लादेशके गाजापुर जिलेके श्रीपुर गांवमें स्थित श्री सरस्वतीदेवीके मंदिरमें देविकी मूर्तिकी पवित्रताका भंजन किया गया है । धर्मांधोंके नाम अन्वर-उल-इस्लाम एवं राजू अहमद हैं ।

श्री. रवींद्र घोषने इस संदर्भमें गाजीपुरके पुलिस अधीक्षक अब्दुल बातेनसे संपर्क किया, तो उन्होंने उनसे गुस्सेमें आकर दुरुत्तर किए एवं दूरभाष बंद कर दिया । गाजीपुरके पुलिस उपायुक्त नुरुल इस्लामसे संपर्क करनेपर उन्होंने शीघ्रही अपराधियोंको बंदी बनानेका आश्वासन दिया । श्रीपुर पुलिस थानेके पुलिस अधिकारियोंसे संपर्क करनेपर उन्होंने कहा, ‘घटना सत्य है; परंतु किसीके भी ओरसे परिवाद न आनेके कारण कार्यवाही नहीं की गई । इसपर श्री. रवींद्र घोषने स्पष्ट किया कि अपराध ध्यान देने योग्य है, इसलिए परिवादकी आवश्यकता नहीं है । (बांग्लादेशके प्रधानमंत्रीसे लेकर पुलिस थानेके सिपाहीतक सभी हिंदुद्वेषी हैं । भारतीय राजनेता कायर होनेके कारण हिंदुओंपर एवं उनके मंदिरोंपर होनेवाले आक्रमणोंके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं करेंगे, इसकी भी उन्हें निश्चिती है । इन घटनाओंको नियंत्रित करने हेतु राष्ट्र एवं धर्मप्रेमियोंको सत्तामें लाना अनिवार्य है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )  धर्मांधोंने हिंदुविरोधी ठीक कौनसा कृत्य किया, यह स्पष्ट नहीं हो ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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