लखनऊ : चन्द्र प्रकाश द्विवेदी की फिल्म मोहल्ला अस्सी का एक विवादास्पद ट्रेलर इन दिनों देशभर की सुर्खियों में है। इस ट्रेलर में कथित अश्लीलता और काशी की इमेज खराब करने का आरोप है। अब इस मसले पर लखनऊ हाईकोर्ट ने भी अपनी आपत्ति दर्ज कराई है।
शुक्रवार को लखनऊ हाईकोर्ट ने इस पर अहम फैसला लिया है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने फिल्म ‘मोहल्ला अस्सी’ को दिखाए जाने का प्रमाण पत्र, सेंसर बोर्ड द्वारा न जारी करने की गुजारिश वाली एक पीआईएल पर केंद्र सरकार और सेंसर बोर्ड के चेयरमैन को नोटिस जारी किया है।
न्यायमूर्ति अरुण टंडन और न्यायमूर्ति अनिल कुमार की अवकाश कालीन खंडपीठ ने शुक्रवार को यह आदेश हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस समेत ११ वकीलों की याचिका पर दिया। कोर्ट ने दोनों पक्षकारों को ३० जून को पक्ष पेश करने को कहा है।
कोर्ट ने यह यह भी कहा है कि अभी जिस फिल्म को दिखाने की मंजूरी के लिए सेंसर बोर्ड के पास भेजा जाना है, उसका ट्रेलर क्या दिखाया जा सकता है। कोर्ट ने यह आदेश इस आरोप के मद्देनजर दिया कि फिल्म का ट्रेलर करीब एक महीने से सोशल मीडिया पर देखा जा रहा है।
इस ट्रेलर में भगवान शिव की छवि धूमिल करने वाले दृश्य हैं। भगवान शिव के मुंह से गंदी गालियां ट्रेलर में देती हुई दिख रही हैं। इसके अलावा दो मिनट के इस ट्रेलर में गालियों और अश्लील शब्दों की भरमार है।
याचियों ने यह भी आग्रह किया है कि फिल्म का ट्रेलर भी किसी भी तरह न दिखाया जाए क्योंकि इससे हिंदू जनमानस की भावनाएं आहत होती हैं। याचियों के अधिवक्ता हरिशंकर जैन का आरोप था कि फिल्मकारों ने भगवान शिव, हिंदू संतों समेत काशी की महान सांस्कृतिक विरासत व आस्था को तार-तार करने की कोशिश की है।
याचिका में केंद्र व राज्य सरकार समेत सेंसर बोर्ड के चेयरमैन, निर्माता विनय तिवारी, निर्देशक चंद्र प्रकाश द्विवेदी, अभिनेता सनी देओल समेत इसके अन्य कलाकारों को भी पक्षकार बनाया है। याचिका में केंद्र व राज्य सरकार समेत सेंसर बोर्ड के चेयरमैन, निर्माता विनय तिवारी, निर्देशक चंद्र प्रकाश द्विवेदी, अभिनेता सनी देओल समेत इसके अन्य कलाकारों को भी पक्षकार बनाया है।
मालूम हो कि बनने के बाद लंबे समय से अटकी चन्द्र प्रकाश द्विवेदी निर्देशित इस फिल्म का ट्रेलर कुछ समय पहले इंटरनेट पर लीक हो गया।
स्रोत : अमर उजाला