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आतंकवाद रोकने के लिए मस्जिदों को बंद करने का योग्य निर्णय लेनेवाले ट्यूनिशिया के प्रधानमंत्री का अभिनंदन !
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ट्यूनिशिया में ढोंगी धर्मनिरपेक्षतावाद नहीं है, इसलिए वे ऐसा निर्णय ले सकते हैं । अनेक वर्षों से जिहादी आतंकवादी, भारत में भी नागरिकों की हत्या कर रहे हैं । फिर भी भारत ऐसा निर्णय नहीं ले सका है । अब आधी रात को भी धर्मांधो की सहायता के लिए तत्पर रहनेवाले प्रधानमंत्री मोदी की सरकार, ट्यूनिशिया की सरकार से कुछ सीखेगी ? – सम्पादक, हिन्दू जनजागृति समिति
ट्यूनीशिया में अधिकारियों का कहना है कि देश में ८० मस्जिदों को बंद कर दिया जाएगा जिन पर हिंसा भड़काने का आरोप है। शुक्रवार को ट्यूनीशिया के पर्यटक शहर सूस में हुए चरमपंथी हमले में ३९ लोग मारे गए जिनमें ज़्यादातर यूरोपीय पर्यटक थे।
हमले में एक हमलावर बंदूकधारी भी मारा गया है। उसकी पहचान सैफिद्दीन रेज़्गी के तौर पर हुई है जो छात्र था।
संविधान का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं
ट्यूनीशिया के प्रधानमंत्री हबीब असीद ने कहा कि सरकारी नियंत्रण से बाहर सक्रिय इन मस्जिदों को एक हफ्ते के भीतर बंद कर दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री असीद ने ये भी कहा कि जो दल या समूह संविधान के प्रावधानों के बाहर काम कर रहे हैं, उनके खिलाफ कारवाई की जाएगी।
इस कारवाई के तहत उन्हें चेतावनी दी जा सकती है या संबंधित संस्था को बंद भी किया जा सकता है।
ट्यूनिस में बीबीसी संवाददाता का कहना है कि काफ़ी पर्यटक ट्यूनीशिया से बाहर निकलने की कोशिश में हैं। सरकार ने सेना के अतिरिक्त बल को भी बुला लिया है और हॉलीडे रिसॉर्ट्स के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने भी लोगों से अपील की है कि वो इसलामी चरमपंथ का जुटकर सामना करें जो कई ब्रितानी युवाओं को आकर्षित कर रहा है।
स्त्रोत : बीबीसी हिन्दी