हिंदु जनजागृती समितीने उच्च न्यायालयमें किए हुए परिवाद का परिणाम !
जो हिंदू जनजागृति समिति को ध्यान में आता है वह राज्यों की किसी सरकार और केंद्र सरकार को ध्यान में क्यों नहीं आता ? समिति द्वारा आंदोलन करने के उपरांत और ज्ञापन देने पर भी कार्यवाही क्यों नहीं हुई । क्या केवल न्यायालय द्वारा आदेश देने के उपरांत ही सरकार काम करनेवाली है ? यदि ऐसा है तो सरकार का क्या लाभ ? – सम्पादक, हिन्दू जनजागृति समिति
नर्इ देहली – देश में प्लास्टिक से बनाए जाने वाले राष्ट्रीय ध्वजों के इस्तेमाल, खरीद और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए केंद्र सरकार एक आदेश जारी करने वाली है।
गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के पश्चात प्लाास्टिक से बने ध्वज सड़कों और नालियों में पडे होने के विषय में परिवाद आते हैं । दर्शकों को बता दें कि हिन्दू जनजागृति समिति गत कई वर्षों से प्लास्टिक के राष्ट्रध्वजों पर रोक लगाने की मांग कर रही है । इस हेतु आंदोलन करने के साथ प्रशासन को ज्ञापन भी दिए गए । उसके पश्चात समितीने मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका भी प्रविष्ट की । इस याचिका पर इस वर्ष मार्च में मुंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार से कहा था कि वह प्लास्टिक से बने राष्ट्रीय ध्वजों के उपयोग, क्रय और विक्रय पर प्रतिबंध के लिए एक नीति बनाए । केंद्र सरकार ने भी न्यायालय को बताया था कि प्लाास्टिक से बने राष्ट्रीय ध्वजों के निर्माण पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव प्रलंबित है । न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार से कहा था कि जनता को इस विषय में जागृत करना चाहिए । जिस प्रकार विद्यालयों की पुस्तकों में राष्ट्रगान और प्रतिज्ञा छापी जाती है, उसी प्रकार राष्ट्रीय ध्वजों के विषय में भी एक संदेश छापा जाना चाहिए ।
स्त्रोत : आज तक