आषाढ शु ५, कलियुग वर्ष ५११४
जिहादी आतंकवादियोंकी नहीं, अपितु राष्ट्र एवं धर्म हेतु कार्य करनेवाले सनातनके साधकोंकी पूछताछ करनेवाली हिंदुद्वेषी कांग्रेस शासन एवं उनके सामने भीगी बिल्ली बनी राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्र !
मडगाव – शुक्रवार, २२ जूनको राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्रके अधिकारियोंद्वारा सनातनके मिरज आश्रमके साधक श्री. मधुसूदन कुलकर्णीकी प्रातः १०.३० से दोपहर १२.३० बजेतक तथा दोपहर ३.३० से सांयकालके ५.३० बजेतक यानी पूरे ४ घंटे पूछताछ की गई । अधिकारियोंने श्री. कुलकर्णीसे उनकी व्यक्तिगत जानकारीके साथ मिरजके सनातन आश्रम एवं मडगाव विस्फोटके संदेही आरोपियोंको विषयमें जानकारी ली । ( ऐसे प्रश्न इन अधिकारियोंने आजतक सैकडों बार तो सनातनके अनेक साधकोंको अनेक स्थानोंपर जबानी एवं लिखित रूपमें पूछे होंगे । ऐसे प्रश्न पूछकर अधिकारी निश्चित रूपसे क्या साध्य करना चाहते हैं ? ये अधिकारी अपना, साथ ही साधकोंका भी बहुमूल्य समय व्यर्थ ही व्यतीत कर रहे हैं । इससे हिंदुत्ववादी संगठनोंको जानबूझकर कष्ट देनेवाले कांग्रेसके राजनेताओंका कार्य ही यह जांच पडताल कर रहा है, ऐसा स्पष्ट होता है । – संपादक )
१८ जूनको मिरज आश्रमके साधकोंकी पूछताछ की गई थी । उस समय राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्र अधिकारियोंने अभी रामनाथी, गोवाके सनातन आश्रममें रहनेवाले साधक श्री. मधुसूदन कुलकर्णीको पूछताछ हेतु राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्रके गोवा कार्यालयमें उपस्थित रहनेकी चेतावनी दी थी । तदनुसार श्री. कुलकर्णी २२ जूनको गोवाके राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्र कार्यालयमें पूछताछ हेतु प्रातः १०.३० बजे उपस्थित हुए । पूछताछके समय अधिकारियोंने श्री. कुलकर्णीसे व्यक्तिगत जानकारी पूछते हुए आप्तजनोंके विषयमें भी पूछा, साथ ही सनातनके संपर्कमें कब एवं कैसे आए, साधना कबसे आरंभ की, ये सब भी पूछा । ( साधकोंकी पूछताछ मडगांव विस्फोट विषयमें की जा रही है । इस पूछताछसे साधकोंके आप्तजनोंका क्या संबंध है ? जिस प्रकार सनातनके साधकोंकी लगातार पूछताछ की जा रही है, उस प्रकार भारतमें अपना जाल पैâलानेवाले जिहादी आतंकवादियोंकी पूछताछ करनेका साहस क्या इन अधिकारियोंमें है ? यदि इस प्रकार आतंकवादियोंकी पूछताछ कर सकते, तो आतंकवादी कृत्य करते समय वे दसबार सोचते ! – संपादक )
(टिपण्णी : पूछताछका विस्तृत समाचार शीघ्र ही प्रसारित कर रहे हैं ।)
साधको, भ्रष्ट एवं हिंदुद्वेषी कांग्रेसके राजनेता सनातनपर पाबंदी करने हेतु उतावले हो रहे हैं, अतः पूछताछपर उन्होंने अधिक बल दिया है, यह ध्यानमें रखें ! सनातनके एक साधकका राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्रके किसी अधिकारीके साथ संवाद हुआ । इस संवादसे कांग्रेसके राजनेता सनातनपर पाबंदी करने हेतु उतावले हुए हैं, यह बात स्पष्ट हो रही है ।
साधक ( पुलिस अधिकारीको संबोधित कर ) : आप तो कह रहे हैं कि हमारा कार्य अच्छा है; तो मिरज आश्रममें पुनः पूछताछ क्यों आरंभ की गई ?
अधिकारी : यह पूछताछ सेंट्रल इंटेलिजेन्सकी (केंद्रीय अन्वेषण विभागकी)ओरसे नहीं हो रही है, यह तो ‘एनआइए’वालोंकी ( राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्रकी )ओरसे की जा रही है । उन्हें महाराष्ट्र शासनकी ओरसे रा.रा. पाटिलजीके आदेश हैं । महाराष्ट्रमें सनातन संस्थापर पाबंदी डालनेके प्रयास कुछ अधिक प्रमाणमें ही हो रहेहैं । हम ‘एनआए’वालोंके पास मुसलमानोंको पकडनेका बल नहीं है ; अतः आप जैसे हिंदुत्ववादी संगठनोंके पीछे लगते हैं । ( राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्रके कर्मचारीने तंत्रका वास्तविक रूप ही स्पष्ट कर दिया है । क्या ऐसी तंत्र कभी भी हिंदुओंको न्याय प्रदान कर सकती है ? हिंदुओ, कांग्रेसवालोंकी ओरसे हिंदुस्थानका इस्लामिस्तानके रूपमें गठन करनेका आयोजन है, उनके इसअन्वेषण तंत्रके कार्यसे यही स्पष्ट हो रहा है, यह ध्यानमें रखें ! – संकलक )
साधको, राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्रके अधिकारी पूछताछ हेतु आएं, तो स्थानीय हिंदुत्ववादी अधिवक्ताओंकी सहायता प्राप्त करें !
पूछताछके नामपर मंगलुरू( कर्नाटक ) के साधकोंको अमानवीय कष्ट देनेवाले राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्रके अधिकारियोंकी ओरसे साधकोंकी पूछताछ लगातार जारी । यदि ये अधिकारी पूछताछ हेतु आएं, तो साधकोंको भयभीत न होकर स्थानीय हिंदुत्ववादी अधिवक्ताओंकी सहायता प्राप्त करनी चाहिए, साथ ही सर्वशक्तिमान ईश्वर हमारे पीछे हैं । अतः उनपर श्रद्धा रखकर प्रार्थना एवं नामजपकी ओर अधिकसे अधिक ध्यान दें ।
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात