• वारकरियोंके आंदोलन के आगे भगवान श्री विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर समिति झुक गई !
• यद्यपि भगवान श्री विट्ठल के नित्योपचार पूर्व समान चालू होंगे, तब भी उन्हें बंद कर धर्महानि करनेवाली शासकीय मंदिर समिति के उत्तरदायी लोगोंको कारावास भेजें !
श्रीक्षेत्र पंढरपुर (महाराष्ट्र) : यहां के श्री विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर में अधिक मास के उपलक्ष्य में १७ जून से श्री विट्ठल के नित्योपचार बंद कर २४ घंटे दर्शन की सुविधा आरंभ की गई थी।
इस का सभी वारकरी संगठन एवं हिन्दूनिष्ठोंने विरोध किया। २२ एवं २४ जून को निवेदन दिया। २६ जून को धरना आंदोलन कर एवं बंद का पालन कर समिति का निषेध किया। तदुपरांत वारकरियोंने पालकमंत्री श्री. विजयकुमार देशमुख के पास भी धर्मशास्त्र पालन का आग्रह किया। वारकरी संप्रदाय पाईक संघ के प्रवक्ता ह.भ.प. श्रीरामकृष्ण महाराज वीर ने ‘इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ध्यान दें’, ऐसा आवाहन किया।
इस कारण झुक कर श्री विट्ठल-रुाक्मिणी मंदिर समिति के अध्यक्ष तथा जिलाधिकारी तुकाराम मुंढे ने अपना २४ घंटे दर्शन का निर्णय पीछे लेकर नित्योपचार भी आरंभ किए। २८ जून को जिलाधिकारी ने घोषित किया है कि ३ जुलाई से नियमित रूप से नित्योपचार किए जाएंगे।
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श्री विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर समिति को धार्मिक निर्णय लेने के संदर्भ में समन्वय समिति की नियुक्ति करनी चाहिए ! – ह.भ.प. श्रीरामकृष्ण महाराज वीर
श्री विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर समितिद्वारा लिए गए निर्णय का हम स्वागत करते हैं। यह वारकरी, हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन एवं सनातन प्रभात समान प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ नियतकालिकाओंकी एकता का विजय है।
जिन्होंने इस आंदोलन में भाग लिया, हम उन सभी के प्रति कृतज्ञ हैं। इस संदर्भ में दैनिक सनातन प्रभातद्वारा की गई जनजागृति के विषय में हम विशेष रूप से प्रशंसा करते हैं; परंतु हम मंदिर समिति को आवाहन करते हैं कि वे यहांसे आगे कोई भी धार्मिक निर्णय लेते समय ऐसी चूक न करें। इस के लिए वारकरी, हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन एवं मंदिर समिति की समन्वय समिति नियुक्त करें जिस से पुनः ऐसे संघर्ष की घटनाएं नहीं होंगी।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात