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कट्टर इस्लामी राष्ट्र सौदी अरेबियामें ही मस्जिदके ध्वनिक्षेपकोंको विरोध !

माघ शुक्ल पक्ष एकादशी, कलियुग वर्ष ५११५

सौदी अरेबियाके समान भारतमें भी नागरिकोंको कष्ट होनेवाले मस्जिदके ध्वनिक्षेपकोंपर प्रतिबंध लगाना चाहिए !


जेद्दाह (सउदी अरब) : भारतके मस्जिदोंमें लगाए जानेवाले ध्वनिक्षेपकोंके कारण प्रचंड ध्वनिप्रदूषण होता है, जिससें छोटे बालक, प्रौढ तथा बीमार आदि अनेक व्यक्तियोंको कष्ट होता है ।  इसलिए नागरिकोंद्वारा इन ध्वनिक्षेपकोंपर प्रतिबंध लगानेकी मांग कांग्रेस सरकार अल्पसंख्यकोंकी चापलूसीके कारण स्वीकार नहीं करती । तो भी इस्लाम धर्मका मुख्य पवित्र स्थान एवं कट्टर इस्लामी देश सौदी अरेबियामें सरकारकी आंखोंमें अंजन डालनेवाली घटना हुई है । 
यहांके एक मस्जिदके इमाम शेख तौफिक अल-सायेघद्वारा मस्जिदपर लगाए गए ध्वनिक्षेपकोंकी आवाज एक विशिष्ट स्तरके ऊपर बढानेके लिए विरोध किया गया है । उन्होंने कहा है कि मस्जिदके आसपास रहनेवाली प्रौढ नागरिकोंको उससे कष्ट होता है । (कट्टर इस्लामी राष्ट्र सौदी अरेबियामें इमाम ही मस्जिदके भोंपूओंको विरोध करते हैं; जबकि भारतीय अल्पसंख्यक ढोंगी धर्मप्रेमके नामपर मस्जिदमें लगाए गए भोंपूओंका समर्थन करते हैं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) सौदी अरेबियामें इससे पूर्व ही छोटी मस्जिदोंके ध्वनिक्षेपकोंपर रमजान माहमें ध्वनिक्षेपण करनेपर प्रतिबंध लगाया गया है । मस्जिदके ध्वनिक्षेपकोंपर ध्वनिक्षेपण करनेपर प्रतिबंध लगानेकी मांग केवल सौदी अरेबियामें ही नहीं, अपितु अन्य इस्लामी देशोंमें भी की जा रही है । 

(संदर्भ : संकेतस्थल इस्लाम-ऑन-लाईन डॉट कॉम)

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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