नई दिल्ली (फरीदनगर) : यहां धार्मिक स्थल का लाउडस्पीकर बंद करने को लेकर दो समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए थे। इसके बाद जमकर पथराव और फायरिंग हुई। इसमें दो सिपाहियों समेत ३० से ज्यादा लोग पथराव में घायल हो गए थे।
बवाल के चलते गांव में अफरा-तफरी मच गई। एनएच-५८ पर मोदीनगर में वाहनों का आवागमन रोक दिया गया। मेरठ से आने वाले वाहन हापुड़ से निकाले गए जबकि गाजियाबाद से जाने वाले वाहन भी मोदीनगर से डायवर्ट कर हापुड़ की ओर निकाले गए।
लोगों ने बताया कि गांव में दोनों समुदाय के धार्मिक स्थल हैं। हिन्दुआेंके धार्मिक स्थल पर लाउडस्पीकर बज रहा था, जबकि अल्पसंख्याक लोग धार्मिक कार्यक्रम कर रहे थे। अल्पसंख्याक समुदाय ने लाउडस्पीकर बंद करने को कहा। इसे लेकर शुरू हुआ विवाद इस कदर बढ़ा कि दोनों तरफ से पथराव होने लगा। (छोटी छोटी बातोंका बहाना कर विवाद शुरु करके फिर हिंसा करनेकी कट्टरपंथीयोंकी यह नीति कुछ नर्इ नहीं है । – सम्पादक, हिन्दू जनजागृति समिति)
इसके बाद दोनों पक्षों से फायरिंग भी हुई। एसएसपी धर्मेंद्र सिंह ने दंगा नियंत्रण रेड स्कीम लागू कर जिले भर की फोर्स फरीदनगर बुला ली। मेरठ, बागपत, हापुड़ और गौतमबुद्धनगर की फोर्स भी बुलाई गई है। सांप्रदायिक तनाव की गूंज लखनऊ तक पहुंच गई। गांव में भारी फोर्स तैनात कर दी गई है। गांव में तनावपूर्ण शांति है। गांववालों का कहना है कि एक सप्ताह से गांव में तनाव था।
इसकी सूचना पुलिस को भी सभासद ने दी थी, लेकिन पुलिस ने इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया। (क्या पुलिस कट्टरपंथीयोंपर कार्यवाही करना नहीं चाहती थी ? या फिर उनसे वो डर गर्इ ? एेसी पुलिस जनता की क्या रक्षा करेगी – सम्पादक, हिन्दू जनजागृति समिति) करीब २५०० आबादी है कस्बे की फरीदनगर कस्बे की करीब ढाई हजार मिली जुली आबादी है। लोगों का कहना है कि यहां सब सौहार्द से रहते हैं, मगर रविवार रात बात बिगड़ गई।
स्रोत : अमर उजाला