• जिहादीयोंद्वारा श्रद्धालु महिलाओंकी पिटाई
• चार धर्मांध पुलिस के नियंत्रण में
धरणगांव-जलगांव (महाराष्ट्र) : यहां २८ जून को सवेरे हिन्दुओंद्वारा हरिनाम के गर्जन में निकाली गई नामफेरी पर जिहादीयोंद्वारा आक्रमण किया गया। (जिहादीयोंको हिन्दुओंकी नामफेरी पर इतना क्रोध क्यों आता है ? यदि उन में इतना हिन्दूद्वेष समाया ही है, तो वे हिन्दुओंके भारत में रहने की अपेक्षा पाकिस्तान चले जाएं। – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) उन्होंने हिन्दू महिलाओंके साथ युवकोंकी भी अमानुषिक पिटाई की। (हिन्दुओ, जिहादीयोंके आक्रमणोंका सामना करने हेतु स्वसुरक्षा प्रशिक्षण लें। – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
तदुपरांत सवेरे ९.३० बजे हिन्दू युवकोंद्वारा जिहादीयोंको फटकारने का प्रयास करने पर उन्होंने पुनः हिन्दुओंपर आक्रमण किया। (आजतक के सभी राजनेताओंद्वारा की गई जिहादीयोंकी चापलूसी के कारण ही वे उद्दंड हो गए हैं। – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
इसे हिन्दुओंने स्पष्ट प्रत्युत्तर दिया।
१. नामफेरी के अवसर पर जिहादीयोंने हिन्दुओंपर आक्रमण करते हुए स्वागत के लिए जलाए गए दिये फेंक दिए एवं उन्हें पैरोंतले कुचल डाला। हिन्दुओंद्वारा निकाली रंगोलियोंको भी तहस-नहस कर डाला। (नस-नस में हिन्दूद्वेष से भीने ऐसे जिहादीयोंका सामना करने हेतु हिन्दुओंने क्या सिद्धता की है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
२. जिहादीयोंद्वारा आक्रमण करने के कारण हिन्दुओंने कुछ पुलिसकर्मियोंको वहां पर आमंत्रित किया।
३. हिन्दुओंने पुलिस से जिहादीयोंपर कार्यवाही करने का आग्रह किया। तदुपरांत बहुत समय के पश्चात पुलिस ने महम्मद इरफान शेख निस्सार, महम्मद अब्दुल कलीम, मुजाहिदी अहमद शेख इब्राहिम शेख पातालनगरी के ऐसे सभी निवासियोंको नियंत्रण में लिया। (जिहादीयोंको नियंत्रण में लेने हेतु पुलिस से आग्रह क्यों करना पडता है ? नगर में दंगासमान परिस्थिति उत्पन्न करनेवाले जिहादीयोंको नियंत्रण में लेना क्या पुलिस का कर्तव्य नहीं है ? अथवा कहीं ऐसा तो नहीं कि ऐसे समय राजकर्ताओंके समान पुलिस भी जिहादीयोंकी चापलूसी हेतु उन्हें बंदी न बनाने की नीति अपनाती है। – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
४. घटनास्थल पर शिवसेना के विधायक श्री. गुलाबराव पाटिल एवं अन्य मान्यवरोंने भेंट दी। श्री पाटिल ने अपराधी जिहादीयोंपर कठोर कार्यवाही करने की मांग की।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात