‘यदि अधिनियम सभी के लिए समान हैं, तो कट्टरपंथियोंको छूट क्यों दी जा रही है ?’
मिरज (महाराष्ट्र) : रमजान के उपलक्ष्य में मुसलमानोंद्वारा प्रार्थनास्थल पर नमाजपठन करने के लिए क्षेत्र न्यून हो रहा है।
अतः वे पथ पर नमाजपठन कर रहे हैं; किंतु इस बात को पुलिस प्रशासनद्वारा विरोध प्रदर्शित नहीं किया जाता। अतः इस के प्रत्युत्तर के रूप में हिन्दुत्वनिष्ठोंने २७ जून को पथ पर महाआरती का आयोजन किया था। इसकी सूचना प्राप्त होते ही पुलिस ने हिन्दुत्वनिष्ठोंको मिरज शहर पुलिस थाने में आंमत्रित किया।
उस समय सर्व हिन्दुत्वनिष्ठोंने यह प्रश्न उपस्थित किया, कि ‘यदि अधिनियम सभी के लिए समान हैं, तो मुसलमानोंको छूट क्यों दी जा रही है ?’ हिन्दुत्वनिष्ठोंकी आक्रामक भूमिका के कारण अंत में मिरज पुलिस ने यह आश्वासन दिया, कि ‘पथ पर की जानेवाली सर्व धर्मियोंकी प्रार्थनाओंपर प्रतिबंध लगाएंगे।’ (इस उदाहरण से यह स्पष्ट होता है, कि निरंतर हिन्दू ही अपनी भूमिका वैध तथा संयत मार्ग से प्रस्तुत करते हैं ! क्या इसी प्रकार का सहयोग अन्य धर्मिय उनके किसी प्रश्न के संदर्भ में करते हैं ? हिन्दूओंकी यह अपेक्षा है, कि अभी तो पुलिस अपने शब्द का पालन कर सर्व धर्मियोंकी पथ पर की जानेवाली प्रार्थनाएं बंद करे। साथ ही ध्वनिप्रदूषण के संदर्भ में नियमबाह्य बातोंपर प्रतिबंध लगाए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात