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धर्मांधोंके विरोधकी ओर अनदेखा कर ‘शिवमंदिर’की सुरक्षा दीवारका निर्माणकार्य पूरा करनेवाले ‘हिंद

फाल्गुन कृष्ण पक्ष द्वितिया, कलियुग वर्ष ५११५

अद्ययावत


धर्मांधोंके विरोधकी ओर अनदेखा कर 'शिवमंदिर'की सुरक्षा दीवारका निर्माणकार्य पूरा करनेवाले 'हिंदु राष्ट्र सेना'के कार्यकर्ताओंका अभिनंदन !

मुंबई – यहांके चिरागनगर पुलिस थानेके सामने प्राचीन शिवमंदिरकी सुरक्षा दीवारका निर्माणकार्य करनेके लिए धर्मांधोंद्वारा विभिन्न मार्गोंसे विरोध होनेके पश्चात भी उसकी ओर अनदेखा कर हिंदु राष्ट्र सेनाके कार्यकर्ताओंने यह निर्माण कार्य पूरा किया । इस संदर्भमें नेतृत्व करनेमें हिंदु राष्ट्र सेनाके प्रशांत बढे, संपर्क प्रमुख; सचिन काळे, सहसंपर्क प्रमुख, सचिन राठोड, शाखाप्रमुख; सुधीर सकपाळ, कल्याण संपर्क प्रमुख; अशोक यादव, घाटकोपर संगठक; उमेश शर्मा, अमित औटी, उपशाखा प्रमुख; राकेश हलवाई, संगठक; रोहित कोळेकर आदि सम्मिलित हुए थे । इन सभीका हिंदू जनजागृति समिति तथा सनातन संस्थाद्वारा अभिनंदन किया गया ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात


धर्मांधोंके विरोधको न मानते हुए हिंदुनिष्ठोंने घाटकोपरके शिवमंदिरकी सुरक्षा दीवारका निर्माण कार्य पूरा किया !

हिंदुबहुसंख्यक देशमें हिंदुओंके ही निर्माणकार्यको धर्मांधोंद्वारा विरोध होना सेक्युलर  कांग्रेसी राजनेताओंद्वारा  धर्मांधोंकी अतिचापलूसीका ही परिणाम है !

ऐसे धर्माभिमानी हिंदु सर्वत्र हों !

मुंबई  – घाटकोपरके चिरागनगर पुलिस थानेके समक्ष प्राचीन 'शिवमंदिर'की सुरक्षा दीवारके निर्माण कार्यको वहांके धर्मांधों द्वारा विविध प्रकारसे विरोध दर्शाया गया । पुलिस थानेमें परिवाद कर दबाव लानेका भी प्रयास किया गया, परंतु हिंदुनिष्ठोंने इस विरोधपर ध्यान न देते हुए सुरक्षा दीवारका निर्माणकार्य पूरा किया । इस अवसरपर ‘हिंदुराष्ट्र सेना'का संपर्क प्रमुख श्री. प्रशांत बढे एवं उनके सहयोगी तथा बजरंग दल, शिवसेना, युवासेना, मनसे एवं आम आदमी पक्षके पदाधिकारी तथा कार्यकर्ता उपस्थित थे। 'शिवसेना' शाखाप्रमुख श्री. मंडलिक एवं उपविभागप्रमुख श्री. प्रकाश वणीने भी इस प्रकरणका दायित्व संभाला ।
१. यह 'शिवमंदिर' 'श्री सदगुरु ब्रम्हर्षि कुमार' स्वामीजी महाराजकी परंपरा चलानेवाले 'पुरी महाराज' (नागा साधू) के नियंत्रणमें है। मंदिरसे कुछ दूरीपर रहनेवाले धर्मांध मंदिर परिसरमें मद्यपान कर वहांके पुजारियोंको अपशब्द कहते हैं । ( बांग्लादेश एवं पाकिस्तानमें हिंदुओंके मंदिरके संदर्भमें जो हो रहा है, अब धर्मांधोंद्वारा भारतमें सर्वत्र वही किया जा रहा है । हिंदु संगठित नहीं हैं । इसीलिए यह स्थिति उत्पन्न हो गई है । हिंदुओ, अब तो संगठित होकर धर्मांधोंकी उद्दंडताको प्रत्युत्तर दें, अन्यथा 'हिंदुस्थान'का 'इस्लामिस्तान' होनेमें विलंब नहीं लगेगा !- संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
२. 'पुरी महाराज'को मंदिरके आसपास सुरक्षा दीवार बांधनी थी; परंतु हमीद नामक एक  धर्मांधद्वारा ऐसी धमकी दी गई कि मंदिरका निर्माणकार्य नहीं करने देंगे । तत्पश्चात महाराजने 'हिंदुराष्ट्र सेना'से सहायता मांगी । (आपत्कालमें हिंदु पुलिसकी ओर जानेकी अपेक्षा 'हिंदुराष्ट्र सेना'समान 'हिंदुनिष्ठसंगठनों'की ओर जाते हैं । इससे स्पष्ट होता है कि हिंदुओंका पुलिसके ऊपरसे विश्वास उठ गया है एवं उन्हें हिंदुनिष्ठसंगठनोंका आधार प्रतीत होता है ! – संपादक)  इसके अनुसार 'हिंदुराष्ट्र सेना'के संपर्क प्रमुख श्री. प्रशांत बढे एवं उनके कार्यकर्ताओंने मंदिरके स्थानपर जाकर विरोधकी चिंता किए बिना निर्माण कार्य पूरा करनेका निर्णय लिया ।(मंदिरकी दीवारका निर्माणकार्य करने हेतु त्वरित दौडकर जानेवाले 'हिंदुराष्ट्र सेना'के कार्यकर्ताओंका अभिनंदन ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
३. ९ फरवरीको सवेरे निर्माणकार्यका आरंभ किया गया । वहां सभी हिंदुनिष्ठ संगठनोंके पदाधिकारी भी उपस्थित थे । कुछ समय पश्चात धर्मांधोंने वहां प्रथम प्रौढ एवं मध्यम आयुकी महिलाओंको भेजा । तत्पश्चात धर्मांध युवक-युवती भी वहांपर आ गए ।              
धर्मांध महिलाओंद्वारा  "आपने मंदिरके निर्माण कार्यकी अनुमति नहीं ली, हमारे यहां बिजलीके मीटर हैं । पुरी महाराज विकृत हैं इस प्रकारके आरोप लगाए गए ।" (इससे स्पष्ट होता है कि सुरक्षा दीवारके निर्माणकार्यको विरोध करनेका धर्मांधोंका पूर्वनियोजन था । ऐसे दांवपेचमें बुद्धिमान धर्मांधोंको मार्गपर लाने हिंदुओंके पास क्या योजनाएं हैं ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) इस समय श्री. बढेने कहा कि वे मीटर छोडकर निर्माण कार्य कर रहे हैं । इसपर धर्मांधोंने कहा "कि आप अपना निर्माणकार्य २ फूट अंदरसे करें । यह भूमि पुरी महाराजकी नहीं है |"(झूठा परिवाद करनेवाले धर्मांध ! क्या हिंदुओंके यह ध्यानमें आएगा कि यह घटना धर्मांधोंके भूमिजिहाद का ही एक भाग है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
४. हिंदुनिष्ठोंने उनकी एक न मानी । अतः धर्मांध पुलिस थानेमें गए । (त्वरित पुलिसमें जाकर हिंदुओंपर कार्यवाही करनेकी इच्छा रखनेवाले धर्मांध ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) पुलिसद्वारा दोनों गुटोंको आमंत्रित कर  इस समय काम बंद करनेको कहा गया; परंतु हिंदुओंने सुरक्षा दीवारका मंदिरका निर्माण कार्य चालू ही रखा ।
५. पुनः धर्मांध पुलिस थानेमें गए, पुलिसकर्मियोंने सुरक्षा दीवारका निर्माण कार्य करनेवाले  राजगीरको आमंत्रित किया । इस बीच हिदुनिष्ठोंने इस घटनाके विषयमें विधायक प्रकाश मेहता एवं शिवसेनाके वरिष्ठ नेता श्री. दिवाकर रावतेको सूचित किया । तत्पश्चात शिवसेना शाखाप्रमुख श्री. मंडलिक एवं उपविभागप्रमुख श्री. प्रकाश वणी पुलिस थानेमें आए । तबतक हिंदुओंने अन्य राजगीरद्वारा निर्माणकार्य आरंभ किया एवं पूर्वके राजगीरको भी मुक्त कराया। (पुलिसकर्मियोंके विरोधकी चिंता न करते हुए उपाययोजना कर मंदिरकी सुरक्षा दीवारका निर्माणकार्य चालू रखनेवाले धर्माभिमानियोंका अनुकरणीय कृत्य ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
६. संध्या समय देरतक यह निर्माण कार्य पूरा हुआ ।
७. श्री. बढेने "भविष्यमें यदि किसी भी हिंदुपर अन्याय हुआ, तो 'हिंदुराष्ट्र सेना' अथवा अन्य हिंदुनिष्ठ संगठनोंको संपर्क करें", ऐसा आवाहन किया ।

स्त्रोत :दैनिक सनातन प्रभात

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