माघ शुक्ल पक्ष त्रयोदशी, कलियुग वर्ष ५११५
* यदि इस प्रकारकी जांच जिहादी आतंकवादियोंकी की होती, तो अभीतक देश आतंकवादमुक्त हो जाता !
* देशद्रोहियोंके समान राष्ट्रनिष्ठ हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकर्ताओंकी जांच करनेवाली पुलिस !
एक जनपदके हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकर्ताको एक व्यक्तिका दूरभाष आया । उस समय उनके बीच यह संभाषण हुआ….
एक व्यक्ति : मुझे आपके कार्यमें सम्मिलित होनेकी इच्छा है; इसलिए आपसे मिलना चाहता हूं ।
कार्यकर्ता : मैं नगरसे बाहर हूं । नगरमें आनेके पश्चात मिलता हूं ।
(तत्पश्चात दो दिनमें चार बार उस व्यक्तिका दूरभाष आया ।) नगरमें आनेके पश्चात कार्यकर्ताने उस व्यक्तिसे भेंट की । उस समय उस व्यक्तिने बताया कि मुझे जादूटोनाविरोधी कानूनके संदर्भमें जानकारी चाहिए । कार्यकर्ताद्वारा उस व्यक्तिको जादूटोनाविरोधी कानूनके विषयमें जानकारी देनेके पश्चात उस व्यक्तिने प्रश्न पूछे, इस नगरमें आपके प्रमुख कौन हैं ? आपका कार्यालय कहां है ?
उस समय जब कार्यकर्ताने उस व्यक्तिसे अधिक पूछ-ताछ की, तो उस व्यक्तिने बताया कि मैं गुप्तचर विभागका अधिकारी हूं ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात