माघ शुक्ल पक्ष त्रयोदशी, कलियुग वर्ष ५११५
|
चेन्नई : अंदमान-निकोबार द्वीपसमूहकी राजधानी पोर्ट ब्लेअरमें १६ फरवरीको आयोजित 'अत्तुकल भगवति पोंगल' उत्सवमें हिंदू जनजागृति समितिके राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदेजीको धर्मजागृतिका विषय प्रस्तुत करने हेतु आमंत्रित किया गया है । इस कार्यक्रममें हिंदू जनजागृति समितिको सम्मिलित करने हेतु हिंदु नेता श्री. बिजू पिल्लईजीने दायित्व लिया ।
अंदमानमें श्री. पिल्लईजी हिंदु धर्मप्रसारके कार्यमें सक्रिय हैं तथा प्रतिवर्ष दिसंबर एवं जनवरी माहमें वे सबरीमला तथा केरलके अय्यप्पादेवके दर्शन करने आते हैं । इस वर्ष थिरूवनंतपुरम के ‘अत्तुकल भगवति देवी’के मंदिरमें दर्शन करने गए, तो मंदिरमें लगाए गए 'शिवलिंगको प्रदक्षिणा कैसे करें ?', 'पहनावा कैसे हो ?' तथा 'कुंकुम लगानेकी उचित पद्धति' इत्यादि सनातनके धर्मशिक्षाके फलक देखकर वे प्रभावित हुए । उन्होंने तत्परतासे सनातनके संकेतस्थलपर संपर्क कर धर्मकार्यमें सम्मिलित होनेकी इच्छा दर्शाई एवं स्वयं होकर सनातनके संकेतस्थलपर पत्र भेजकर चेन्नईमें साधकोंको मिलनेका नियोजन करनेकी विनती की । चेन्नईके श्री. विनायक शानभाग एवं श्री. पी. प्रभाकरनने श्री. पिल्लईजीसे भेंट की । सनातन संस्था एवं हिंदू जनजागृति समितिका धर्मकार्य देखकर वे प्रभावित हुए । इस समय उन्होंने सनातन-निर्मित ग्रंथोंकी मांग भी की ।
श्री. बिजू पिल्लईजीका धर्माभिमानी दृष्टीकोन
श्री. पिल्लईजी अपने जीवनकार्यमें जाती, राज्य एवं भाषाके कारण विघटित अंदमानके हिंदु समाजको संगठित करना चाहते है । हिंदु धर्मका आध्यात्मिक स्तरपर प्रसार कर सभी मंदिर एवं हिंदुओंके लिए कार्यरत सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठनोंको एकछत्रके नीचे लानेका उनका व्यापक उद्देश्य है । (धर्मकार्यकी प्रखर उत्कंठा रहनेवाले श्री. बिजू पिल्लईजी समान हिंदु ही हिंदु धर्मकी खरी शक्ति है ! यदि भारतके कोनें-कोनेंसे ऐसे धर्माभिमानी हिंदु संगठित हुए, तो ‘हिंदु राष्ट्र’ का सवेरा दूर नहीं है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
श्री. बिजू पिल्लईजीका परिचय
श्री. पिल्लईजी अंदमानमें आगे दिए हिंदुनिष्ठ एवं धार्मिक संस्थाओंमें पदाधिकारीके रूपमें कार्यरत हैं :
१. सचिव, हिंदु जागरन मंच (संघ)
२. प्रधान सचिव, अखिल भारत अय्याप्पा सेवा संघ, अंदमान-निकोबार द्वीप
३. निमंत्रक, सबरीमला अय्यापा सेवा समाजम्
४. सचिव, हैंदैव सेवा संघटन
५. कार्यकारी सदस्य, भगवान अय्यप्पा देऊल, सिप्पीघाट, अंदमान (अंदमान-निकोबारके सबरीमाला)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात