नई दिल्ली : भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने असम की एक अदालत द्वारा उनके खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट की तामील पर गुरुवार को रोक लगा दी। असम के एक विश्वविद्यालय में कथित तौर पर भडकाऊ भाषण देने के लिए स्वामी के खिलाफ अदालत ने यह वारंट जारी किया था।
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एमवाई इकबाल की पीठ ने दंगा फैलाने और भड़काऊ भाषण के अपराधों से संबंधित दंड के कुछ प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस भी जारी किया। स्वामी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता टीआर अन्ध्यारूजिना ने अदालत परिसर से बाहर कहा विश्वविद्यालय में व्याख्यान देने के लिए इस व्यक्ति को प्रताडि़त किया जा रहा है।
आईपीसी के कुछ प्रावधानों की संवैधानिक वैधता पर दलीलें सुनने का फैसला कर चुकी पीठ ने स्वामी से कहा कि कथित तौर पर भडकाऊ भाषण देने के लिए वारंट जारी किए जाने के अपने मामले को लेकर वह हाईकोर्ट या समुचित अदालत में जाएं। पीठ ने गैर जमानती वारंट की तामील पर छह सप्ताह के लिए रोक लगा दी और स्वामी को इस अवधि में समुचित अदालत में जाने की अनुमति दे दी।
असम के करीमगंज में एक निचली अदालत ने कथित भड़काऊ भाषण के मामले में अपने समक्ष पेश न होने के लिए स्वामी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था जिसके विरोध में स्वामी न्यायालय गए थे।
स्रोत : हिन्दुस्थान