माघ शुक्ल पक्ष त्रयोदशी, कलियुग वर्ष ५११५
सेक्युलर भारतके धर्मांध कांग्रेसी राजनेता !
नरेंद्र मोदी इस विषयमें भाष्य क्यों नहीं करते ?
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वर्ष २०११ की जनगणनाके अंक घोषित करने सरकार सिद्ध नहीं !
नई देहली : वर्ष २०११ की जनगणनाके अनुसार भारतका अरुणाचल प्रदेश ईसाई बहुसंख्यक हो गया है । इसका कारण है ईसाई मिशनरियोंको विदेशसे प्राप्त अनगिनत पैसा । वर्ष १९७८ के कानूनके अनसार धर्मपरिवर्तन अवैध सिद्ध किया गया है । तो भी कांग्रेस सरकारका आशीर्वाद प्राप्त मिशनरियोंने कानूनका उल्लंघन किया है एवं अब अरुणाचल ईसाईयोंके लिए यह घोषणा राज्यमें फैलनेके मार्गपर है ।
१. वर्ष १९७१ की जनगणनाके अनुसार अरुणाचल प्रदेशमें ईसाईयोंकी जनसंख्या १ प्रतिशतसे अल्प थी । वर्ष २००१ में राज्यकी कुल जनसंख्याके १९ प्रतिशत नागरी एवं २६ प्रतिशत ग्रामीण भागकी जनता ईसाई हो गई है ।
२. वर्ष २०११ की जनगणनाके अंक सरकारने अबतक छिपाए रखे हैं । तो भी जानकारोंके मतके अनुसार राज्यके ईसाईयोंकी जनसंख्या १४ लाख इतनी होकर वे अब बहुसंख्यक हो गए हैं ।
३. वर्ष १९८४ से १९८९ तक राजीव गांधीके कांग्रेसी कार्यकालमें राजीव गांधी सरकारने उनकी ईसाई पत्नी सोनिया गांधी (अन्तोनिओ मैनो) के आग्रहपर बलि चढकर ईसाई मिशनरियोंको अरुणाचल प्रदेशमें खुलेपनसे प्रचार करनेकी अनुमति दी । उसके ही परिणाम आज दिखाई दे रहे हैं ।
४. वर्ष २०१० में राज्यमें आशियामें सबसे उंचे अर्थात ३६ फूट उंचे जिजसके पुतलेका निर्माण कार्य किया गया ।
५. वर्तमान समयके मुख्यमंत्री नाबाम तुकी ईसाई हैं एवं उनका धर्मपरिवर्तनको पूरा समर्थन है । उनसे पूर्व मुख्यमंत्री जर्बोम गामलीन एवं दोरजी खंडू ईसाई न होनेके कारण कांग्रेस पक्षने उन्हें पदसे हटा दिया था ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात