-
उर्दू और फारसी भाषा के विरोध में याचिका प्रविष्ट करनेवाले अधिवक्ता अमित साहनी का अभिनंदन !
-
अब केंद्र सरकार को ही इन भाषाआें के उपयोग पर रोक लगानी चाहिए । परंतु क्या भाजपा ऐसा करेंगी ? भारतीय भाषाआें के उपयोग के लिए धर्मप्रेमीयों के हिंदू राष्ट्र की अर्थात रामराज्य की ही आवश्यकता है । – सम्पादक, हिन्दू जनजागृति समिति
नर्इ देहली – देहली पुलिस कार्यवाही में उर्दू और फारसी भाषा का उपयोग कर रही है । इस के विरुद्ध देहली उच्च न्यायालय में अधिवक्ता अमित साहनी ने जनहित याचिका प्रविष्ट की । इस पर एक जुलाई को हुई सुनवाई के बाद न्यायालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और देहली के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी किया है। अपनी याचिका में अधिवक्ता अमित साहनी ने कहा है कि देहली पुलिसकर्मियों को अपनी प्रतिदिन की कार्यवाही में उर्दू और फारसी भाषा का उपयोग करना सिखाया जाता है । इस से देहली के पीड़ितों को बहुत कठिनाई होती है । इसलिए इन भाषाआें के स्थान पर साधारण हिंदी अथवा अंग्रेजी भाषा का उपयोग किया जाए । अधिवक्ता साहानी ने याचिका में यह भी कहा है कि उन्होंने इस वर्ष दो मार्च को गृह मंत्रालय और पुलिस अधिकारियों के सामने इसके लिए प्रबोधन भी किया था; परंतु अभी तक इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं की गई है ।
स्त्रोत : हिन्दुस्थान टाइम्स