माघ पूर्णिमा, कलियुग वर्ष ५११५
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अकोला (महाराष्ट्र) : यहांके गांधी चौकपर श्री दुर्गादेवी मंदिरमें राष्ट्रीय हिंदु आंदोलनके अंतर्गत ९ फरवरीको प्रस्तावित पशुवधगृह बंद कर गोहत्या रोकें, वेलेंटाईन डेकी विकृति रोकें, साथ ही बांग्लादेशी हिंदुओंका पुनर्वसन करें, इन मांगोंके लिए आंदोलनका आयोजन किया गया । उस सयम १५० धर्माभिमानी उपस्थित थे । आंदोलनमें हिंदू जनजागृति समितिके विदर्भ समन्वयक श्री. श्रीकांत पिसोळकर, ह.भ.प. दासगिरी महाराज अंबोडा (तहसील आकोट) एवं मधुवत्सल गोसेवा प्रतिष्ठानके अध्यक्ष ह.भ.प. तुलसीदास मसने महाराजने उपस्थित व्यक्तियोंको संबोधित किया ।
आंदोलनके लिए उपस्थित मान्यवर
तीव्र हिंदुनिष्ठ एवं गोरक्षक परमजीतसिंह घुमन, भाजयुमोके जनपद अध्यक्ष विक्रम गावडे, तहसील अध्यक्ष गोपाल काकड, शिवउद्योग सहकार सेनाके महाराष्ट्र प्रदेश चिटणीस सुमित गावडे, जानकी फूड प्रोडक्टस प्रा.लि.के संचालक संजय ठाकुर, हिंदुनिष्ठ पत्रकार अंबरीश कविश्वर, धर्माभिमानी अक्षय जोशी, भाजपाके डॉ. राजेश जाधव, बजरंग दलके संयोजक दिनेश अंबादास रत्नपारखी, पतंजली योग समितिके महेश खानचंदानी, नितीन मिश्रा, व्याळाके बजरंग दलके भोबंळे, गोरक्षा संस्थानके प्रशांत पाटिल, योग वेदांत समितिके प्रतापभाई विरवाणी, प्रेमानंद मंगळे, नरेश सूर्यवंशी, सनातन संस्थाके पंडित सुरेश श्रीवाल, श्रीमती मेघा जोशी, धर्माभिमानी कुणाल पांडेके साथ विझोरा, बार्शिटाकली, कानशिवणी, व्याळा, चिखलगांव, कापशी, बोरगांवमंजु एवं उमरी गांवोंके धर्माभिमानी ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात