अब देश के सभी हिंदुत्ववादी संगठनों और धर्मप्रेमी हिन्दुआें को भाजपा पर अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा बढाने के लिए दबाव डालना चाहिए । – सम्पादक, हिन्दू जनजागृति समिति
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जम्मू : श्री अमरनाथ यात्रा से दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालुओंपर कश्मीर में पथराव किया गया। इस में एक युवती और महिला घायल हो गई। अन्य यात्रियोंने किसी तरह वहां से भाग कर अपनी जान बचाई। यात्रियोंने कश्मीर पुलिस पर उनकी किसी तरह की सहायता न करने का भी आरोप लगाया। यहां तक कि कश्मीर में कोई बेहतर उपचार भी नहीं किया गया।
इस लिए घायलोंने जम्मू आकर अपना इलाज कराया। दोनोंको मेडिकल कालेज अस्पताल जम्मू में भर्ती कराया गया है। पूरी घटना की जानकारी देते हुए राजस्थान के जयपुर के रहने वाले मोती रात ने बताया कि वह लोग शनिवार देर शाम बालटाल से दर्शन कर लौट रहे थे। दो बसों में करीब सौ यात्री सवार थे।
कंगन के संबल इलाके, जहां पर घना जंगल था, रात को करीब ९:३० बजे बस (आरजे, १८, पीए, ३७०९) पर एक साइड से अचानक पथराव शुरू हो गया। इस में एक पत्थर रेखा महावर (२२) के जबड़े पर लगा। दूसरा पत्थर पीछे सीट पर बैठी कुसुम लता (४५) के हाथ पर लगा।
रुकते तो पता नहीं क्या होता
रेखा के जबड़े पर पत्थर के साथ शीशा भी लगा, इससे चेहरे के भीतर छेद हो गया। कुसुमलता का हाथ टूट गया। घटना स्थल के ठीक एक किलोमीटर आगे आर्मी का कैंप था। यहां जाकर घटना की जानकारी दी। सेना ने प्राथमिक उपचार किया और भेज दिया। कंगन पुलिस को सूचित किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इसके बाद वे पंथा चौक पहुंचे और पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने तब भी कार्रवाई नहीं की। पंथा चौक में लंगर लगाने वाले एक संगठन को बताया गया। इसके बाद उन्होंने एसएचओ को बोला, तब उनके पास पुलिस आई, लेकिन पुलिस ने कोई मदद नहीं की। इसके बाद वे स्किम्स गए और वहां उपचार कराया, लेकिन कोई खास उपचार न होने पर वह लौट आए।
आंखों देखा हाल बताने वाले मोती राम खुद राजस्थान पुलिस में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि यदि वे लोग वहां से बस को भगाते नहीं तो पता नहीं यात्रियोंका क्या हाल होता, क्योंकि पथराव एक घने जंगल वाली जगह पर हुआ। यदि बस रोक दी जाती तो कुछ भी हो सकता था।
स्त्रोत : अमर उजाला
Ye kutte ki dum ni sudhrege