माघ पूर्णिमा, कलियुग वर्ष ५११५
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संप्रग सरकार को उस वक्त परेशानी का सामना करना पड़ा जब सचिव स्तर के एक नौकरशाह ने वित्त मंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ शिकायत की। शहरी विकास मंत्री कमलनाथ के जरिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भेजे गए पत्र में शहरी विकास सचिव सुधीर कृष्ण ने एक आधिकारिक बैठक का उल्लेख किया, जिसकी वजह से शिकायत करनी पड़ी।
कृष्णा ने दावा किया कि चिदंबरम ने उनसे बैठक में कहा कि वह उनकी अंग्रेजी समझ नहीं सके। उन्होंने दावा किया कि मंत्री ने उनसे हिंदी में बोलने को कहा, जिसे उनके अधिकारी उनके लिए अंग्रेजी में अनुवाद करके समझा देंगे। कृष्णा ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि चिदंबरम ने बार-बार वही टिप्पणी की और उनका स्वर अपमानजनक था।
इसका निवारण करने की मांग करते हुए उन्होंने कमलनाथ से अनुरोध किया कि वह इस मामले को प्रधानमंत्री के संज्ञान में लाएं। विवाद के बारे में पूछे जाने पर कमलनाथ ने एक टीवी चैनल से कहा कि मैं सचिव की ओर से मुझे भेजे गए और मेरी ओर से उन्हें भेजे गए पत्र पर चर्चा नहीं करना चाहता हूं।
बैठक जेएनएनयूआरएम परियोजना के लिए अतिरिक्त केंद्रीय सहायता जारी करने पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी। उसे पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है लेकिन वित्त मंत्रालय की ओर से धन जारी करने के लिए यह लंबित है। कृष्णा के अतिरिक्त बैठक में व्यय सचिव और वित्त मंत्रालय तथा शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने हिस्सा लिया था।
लोकसभा चुनाव से पहले फेरबदल में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव केशव देसीराजू का उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में तबादला कर दिया गया। यह कदम उनके पदभार संभालने के एक साल बाद उठाया गया है। आम चुनावों से पहले विभाग में कुछ और वरिष्ठ अधिकारियों का स्थानांतरण किए जाने की संभावना है।
उनके तबादले के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ये प्रशासनिक बातें हैं। मैं नहीं मानता कि लोगों को इसमें पड़ना चाहिए। अधिकारियों और मंत्रियों का विभाग बदलता रहता है। यह नियमित मामला है। वह एक सक्षम अधिकारी हैं।
सूत्रों के अनुसार आजाद वस्तुत: देसीराजू के प्रदर्शन से खुश नहीं थे। १९७८ बैच के उत्तराखंड कैडर के आईएएस अधिकारी देसीराजू को एक साल पहले स्वास्थ्य सचिव नियुक्त किया गया था।
स्त्रोत : आज़ तक