आतंकवादीयों को पनाह देनेवाला पाकिस्तान !
इस्लामाबाद : पाकिस्तान सरकार ने निकट भविष्य में जमात-उद-दावा पर प्रतिबंध लगाने की संभावना से इंकार किया है और कहा है कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि इस धर्मादा संगठन का गठन गैरकानूनी घोषित लश्कर-ए-तैयबा का स्थान लेने के लिए किया गया था।
पाकिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्र के राज्य मंत्री अवकाश प्राप्त जनरल अब्दुल कादिर बलूच ने पाकिस्तान की सीनेट में गृहमंत्री चौधरी निसार अली खान की ओर से पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक प्रस्ताव पारित कर कहा था कि जमात-उद-दावा, लश्कर-ए-तैयबा का नया नाम है किंतु उसने इस बारे में पाकिस्तान को कोई सबूत नहीं दिया है।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद विरोधी कानून के अंतर्गत १५ नवम्बर २००३ से इस संगठन पर निगरानी रखी गई और प्रांतों से उसकी गतिविधियों पर नजर रखने को कहा गया।
अगर इसके खिलाफ सबूत मिलते हैं तो इसके ऊपर प्रतिबंध लगाने पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस समय यह संगठन धर्मादा कामों में लगा हुआ है और अस्पताल, क्लीनिक, स्कूल, एम्बुलेंस सेवा तथा धार्मिक संगठन चला रहा है।
उसके कार्यालय २००८-१० के बीच बंद किए गए थे किन्तु लाहौर हाईकोर्ट ने इन्हें खोलने का आदेश दिया था।
स्त्रोत : राजस्थान पत्रिका