राजस्थान: राजस्थान में संघ का चक्का जाम कार्यक्रम बृहस्पतिवार को होकर रहेगा। भाजपा सरकार की ओर से किए गए बुधवार को सभी प्रयास नाकाम हो गए।
संघ के चक्का जाम कार्यक्रम के अनुसार सुबह ९ बजे से ११ बजे तक, दो घंटे जयपुर में वाहन नहीं दौड़ेंगे। हालांकि एम्बूलेंस, पुलिस सहित सभी जरूरी सेवाओं को जाम के दायरे से बाहर रखा गया है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी के चक्का जाम रोकने के प्रयास काम नहीं आए।
मंदिर बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक बद्री नारायण चौधरी ने कहा कि मंदिर हटाने को लेकर जो भी कार्रवाई हुई है, उसने आपातकाल की याद दिला दी है। समिति में संघ और कई हिन्दुवादी संगठन साथ हैं। विधायकों व पार्षदों पर संघ का कोई दबाव नहीं है कि वे हमारे साथ आए या नहीं। ये निर्णय उनका ही रहेगा।
उन्होंने अपील की कि सभी अपने जरूरी काम सुबह ९ बजे से पहले या ११ बजे बाद निपटाएं। चौधरी ने बताया कि यदि संघ विरोध नहीं जताता, तो अभी २२ और मंदिर तोड़ने की तैयारी थी।
संघ की आलोचना भी
हालांकि संघ को भी आलोचना सहनी पड़ रही है। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि इतने महीनों बाद अचानक मंदिरों की याद क्यों आई? जब टूट रहे थे और कार्यकार्ता विरोध कर रहे थे, तब संघ ने साथ नहीं दिया।
कुछ भाजपा विधायक भी इस मामले में खुलकर सरकार के खिलाफ उतर आए हैं। इनमें जयपुर के विधायक घनश्याम तिवाड़ी और नरपत सिंह राजवी शामिल हैं। दोनों विधायकों ने संघ और भाजपा कार्यकर्ताओं को आश्वासन दे दिया है कि उनके क्षेत्र में चक्का जाम पूरी तरह सफल रहेगा।
स्रोत : अमर उजाला