फाल्गुन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा, कलियुग वर्ष ५११५
हिंदु स्वाभिमान प्रतिष्ठान, अखिल शिववंदना प्रतिष्ठान तथा हिंदू जनजागृति समितिद्वारा आयोजित थेरगांव (पुणे)स्थित हिंदू धर्मजागृति सभाको उत्साही प्रतिसाद
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पिंपरी(महाराष्ट्र) – विश्वके इतिहासमें अनेक पंथ उत्पन्न हुए । कुछ समयकी धारामें नामशेष हुए, तो कुछ नष्ट होनेकी स्थितिमें हैं । किंतु कोई भी मानवीय संस्थापक न होनेवाला 'हिंदु धर्म' अनंत कालसे अग्रसर होकर आज भी स्थिर है तथा पूरे विश्वको आकर्षित करनेका सामर्थ्य अपनाए हुए है । जो जो 'ईश्वरनिर्मित' है, वह कालकी कसौटीपर खरा उतरता है, यह इसीका प्रमाण है । आज हिंदु ही हिंदु धर्मका सामर्थ्य भूलनेसे शक्तिहीन हो गए हैं । हिंदुओंमें लडाई-झगडे उत्पन्न कर हिंदु धर्म नष्ट करनेका षड्यंत्र देशी-विदेशी शक्तियोंद्वारा रचा गया है, उसे निरस्त करने हेतु हिंदुओंको संगठित होकर धर्मशिक्षा प्राप्त करना आवश्यक है । 'हिंदु राष्ट्र'की स्थापना 'प.पू. डा.आठवलेजी'का सपना है तथा वह निश्चित ही पूरा होगा, यह विश्वास रखें, 'हिंदु स्वाभिमान प्रतिष्ठान'के न्यासी 'अधिवक्ता श्री. देवदास शिंदे'ने ऐसे आशादायी उदगार व्यक्त किए ।
हिंदु सामर्थ्यवान होकर धर्म एवं राष्ट्रपर होनेवाले आघातोंका सामना कर सकें; विविध संगठनोंमें बिखरे हिंदु, धर्म हेतु संगठित हों; इस उद्देश्यसे थेरगांव (पुणे) में 'हिंदु स्वाभिमान प्रतिष्ठान', 'अखिल शिववंदना प्रतिष्ठान' तथा 'हिंदू जनजागृति समिति'के संयुक्त प्रयासोंसे 'हिंदु धर्मजागृति सभा'का आयोजन किया गया था । उस समय वे बोल रहे थे । प्रतिष्ठानके सचिव 'श्री. उत्तम दंडिमे' तथा हिंदू जनजागृति समितिके पुणे जिला समन्वयक 'श्री. अभिजीत देशमुख'ने भी सभाको संबोधित किया । बापूजी मंदिरका परिसर, थेरगांव गांवठाणमें आयोजित इस सभामें ४५० धर्माभिमानी हिंदुओंने उपस्थित रहकर अपना धर्मकर्तव्य निभाया । सभामें बडी संख्यामें युवकोंकी उपस्थिति थी । विविध हिंदुत्ववादी संगठनोंका सहभाग इस सभाकी विशेषता थी ।
सभाका प्रारंभ शंखनादसे किया गया । तत्पश्चात मान्यवर व्यक्तियोंके हाथों दीपप्रज्वलन किया गया । मान्यवरोंने 'छत्रपति शिवाजी महाराज'की प्रतिमाको पुष्पहार अर्पण कर पूजन किया । वेदमूर्ति करंबेळकर गुरुजी तथा उनके सहयोगियोंने वेदमंत्रपठन किया । सभाके आयोजनमें सम्मिलित विविध संगठनोंका परिचय तथा सभाके उद्देश्यके विषयमें हिंदू जनजागृति समितिके श्री. पराग गोखलेने उपस्थित व्यक्तियोंको जानकारी दी ।
अधिवक्ता श्री. देवदास शिंदेका सम्मान अखिल शिववंदना प्रतिष्ठानके श्री. योगेश सकपाळने किया । श्री. दंडिमेका सम्मान अखिल शिववंदना प्रतिष्ठानके श्री. माऊली बारणेने तो श्री. देशमुखका सम्मान प्रतिष्ठानके ही श्री. स्वप्निल नखातेने किया । सभामें उपस्थित 'हिंदु स्वाभिमान प्रतिष्ठान'के संस्थापक 'पंडितजी आर्य'का सम्मान पिंपरी-चिंचवड 'वारकरी संघ'के अध्यक्ष 'श्री. राजाराम बारणे'ने किया । वेदमूर्तिका सम्मान अखिल शिववंदना प्रतिष्ठानके सर्वश्री भरत पवार तथा सचिन वाल्हेकरने किया । सभाका सूत्रसंचालन हिंदू जनजागृति समितिकी कु. मोनिका गावडेने किया । अधिवक्ता देवदास शिंदेके शिववंदना पठनसे सभा संपन्न की गई ।
हिंदु धर्म एवं समाज सत्तासमर्थक अत्याचारोंकी बलि ! – उत्तम दंडिमे, हिंदु स्वाभिमान प्रतिष्ठान
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आज 'भारत'में 'हिंदु बहुसंख्यक' होते हुए भी बहुसंख्यकोंका धर्म सत्तासमर्थक अत्याचार सह रहा है । आचार-विचारोंसे भ्रष्ट शासनकर्ताओंके कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है । संपूर्ण 'युरोप'में 'कैथलिक पंथ' नष्ट हो रहा है । गिरिजाघरमें छोटे बच्चे एवं ननपर लैंगिक अत्याचार हो रहे हैं । व्यभिचार सिखानेवाला धर्म कैसे हो सकता है ? सर्वधर्म समभाववाले उस समय क्यों चुप बैठते हैं ? पूरे विश्वमें सभीको समा लेनेवाला 'हिंदु धर्म' एकमेव है । हमारे धर्मने कभी भी द्वेष करना, बदला लेना नहीं सिखाया है । 'जिजाबाई'ने 'रामायण', 'महाभारत' सिखाया; तभी तो 'शिवाजी महाराज इतिहास' बना सके, यही हमारे धर्मग्रंथोंकी शक्ति है । हिंदु उसे पहचानें तथा अपने-अपने घरमें कठोरतासे धर्मशिक्षा दें ।
हिंदू जनजागृति समितिके श्री. अभिजीत देशमुखने भी हिंदुओंको धर्मपर हो रहे आघातोंके विरुद्ध संगठित होने तथा सबसे प्रतिदिन राष्ट्र एवं धर्म हेतु न्यूनतम १घंटा देनेका आवाहन किया ।
उपस्थित संत तथा मान्यवर
ह.भ.प. राजाराम महादू बारणे, नगरसेवक संपत पवार, समाजसेविका चारुलता पवार, बापूजी बुवा पतसंस्थाके संस्थापक शंकर बारणे, शिवसेना मुळशीके प्रसिदि्ध प्रमुख नागेश साखरे
वैशिष्ट्यपूर्ण !
१. अधिवक्ता देवदास शिंदेने अपने भाषणका आरंभ एवं अंत 'सनातन संस्था'के संस्थापक 'प.पू. डा. जयंत आठवलजी'को वंदन कर किया । साथ ही इसी भारतमें '२०२३ में हिंदु राष्ट्र' स्थापनाका सपना देखनेवाले तथा उसे कृत्यमें लानेवाले `प.पू. डाक्टर’, भाषणके आरंभमें ऐसा श्रद्धापूर्वक वक्तव्य दिया ।
२. अधिवक्ता शिंदेने भाषणके अंतमें उपस्थित व्यक्तियोंको धर्मकार्य हेतु साधनाका महत्त्व बताकर प्रतिदिन 'कुलदेवी' तथा 'श्री दत्तका' नामजप करनेका आवाहन किया ।
३. 'भारतीय सेनादल'में १५ वर्ष नौकरी करनेवाले काळेवाडीके 'श्री. संपत पवार' भी सभामें उपस्थित थे । हिंदुओंपर होनेवाले अत्याचार, हिंदुओंका 'धर्मांतरण' तथा अन्य आघात सुनकर उन्हें रोना आया । अपने ही देशमें हिंदुओंकी यह स्थिति सुनकर दुख हो रहा है । क्या सेनामें १५ वर्ष इसी हेतु व्यतीत किए ? इस अवसरपर उन्होंने ऐसा उद्विग्न वक्तव्य दिया ।
क्षणचित्र
१. सभास्थानपर क्षात्रवृत्ति उत्पन्न करनेवाले वीररसयुक्त गीत (पोवाडे) तथा भगवे ध्वज लगाए गए थे ।
२. सभाके आरंभमें हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकर्ताओंद्वारा प्रस्तुत स्वसंरक्षण प्रदर्शनने उपस्थित व्यक्तियोंका ध्यान आकर्षित कर लिया ।
३. कश्मीरी हिंदुओंपर हो रहे अत्याचारोंकी सचित्र जानकारी देनेवाला फैक्टनिर्मित प्रदर्शन, हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकी पहचान करवानेवाला प्रदर्शन तथा सभास्थलपर सनातन संस्थाद्वारा प्रकाशित विविध आध्यात्मिक विषयोंके ग्रंथ तथा सात्त्विक उत्पादोंकी प्रदर्शनी लगाई गई थी ।
स्त्रोत :दैनिक सनातन प्रभात