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‘‘गणेश उत्सव ही निशाने पर क्यों, अजान की बात कोई क्यों नहीं करता ?’’ : उद्धव ठाकरे

मुंबई – शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने गणपति,दही हांडी और नवरात्र जैसे उत्सवों के दौरान सडक किनारे पांडाल लगाने को लेकर आए मुंबर्इ उच्च न्यायालय के आदेश का विरोध किया है। उच्च न्यायालय ने २४ जून को कहा था कि फुटपाथों पर अतिक्रमण के लिए त्योहारों के दौरान अस्थाई पांडाल बना लिए जाते हैं। इससे ध्वनि प्रदूषण होता है,इसलिए उत्सवों के दौरान सड़कों पर पांडाल न बनाएं जाए।

रविवार को उद्धव ने पार्टी कार्यकर्ताओं और गणपति मंडल के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा, गणेश उत्सव पहले की तरह मनाया जाएगा। शिवसेना हर गणपति मंडल के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा,गणेश उत्सव हिंदुस्तान में नहीं तो क्या अब पाकिस्तान में मनाया जाएगा। परंपरा की शुरूआत लोकमान्य तिलक ने की थी न कि दाऊद ने। यह दुख की बात है कि हमारे अपने ही लोग शिकायतें लेकर कोर्ट पहुंच जाते हैं।

जब उद्धव ठाकरे से पूछा गया कि क्या वे कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील करेंगे तो उन्होंने कहा,मैं मुख्यमंत्री के संपर्क में हूं। उन्होंने मुझे भरोसा दिलाया है कि वह मामले को देखेंगे। उद्धव ठाकरे ने कहा मस्जिद से आने वाली अजान पर कोई कुछ नहीं कहता। जबकि मराठी लोग ही हिन्दू उत्सव का विरोध कर रहे हैं। उधर एमआईएम विधायक वारिस पठान ने ठाकरे के बयान की निंदा करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय की गाइड लाइन का पालन किया जाना चाहिए।

जहां तक मस्जिद से अजान की बात है तो वह एक से डेढ मिनट के लिए होती है। वह भी तय मापदंड के अंतगर्त ही होता है। हम लोगों ने हिन्दू उत्सव को लेकर कभी कुछ नहीं कहा। उच्च न्यायालय की गाइड लाइन है। वे सांप्रदायिक विभाजन की बात कर रहे हैं,जो उचित नहीं है। गौरतलब है कि सितंबर में दही हांडी और गणपति उत्सव आएंगे। अक्टूबर में नवरात्र उत्सव मनाया जाएगा।

स्त्रोत : पत्रिका

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