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घाटी में कश्मीरी पंडितों के लिए अलग से ‘टाउनशीप’ नहीं !

Panun_kashmir_protestजम्मू कश्मीर : घाटी में कश्मीरी पंडितों को फिर से बसाए जाने की योजना को आगे बढ़ाते हुए होम मिनिस्ट्री उनके लिए बसाए जाने वाली रिहाइशी कॉलोनियों में मुसलमानों को भी घर खरीदने की इजाजत देने की सोच रहा है। इसके साथ ही कश्मीरी पंडितों के लिए ‘अलग कॉलनियां’ बसाए जाने से जुड़ी चिंताओं को किनारे कर दिया गया  ।

नैशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन ने कश्मीर घाटी की तीन से चार जगहों पर पंडितों के लिए रिहाइशी कॉलोनियां बनाने की योजना पर एक विस्तृत प्रॉजेक्ट रिपोर्ट पेश कर दी है। नैशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन के प्रस्ताव को मिनिस्ट्री से मंजूरी मिलते ही इसे कैबिनेट के सामने विचार के लिए रख दिया जाएगा।

‘माफी मांगें कश्मीरी पंडित : जम्मू-कश्मीर विधायक

जम्मू-कश्मीर के विधायक इंजिनियर रशीद के विवादित बयानों की काफी आलोचना हो रही है। रशीद ने कहा था कि कश्मीरी पंडित घाटी में लौटने से पहले यहां रहने वाले बहुसंख्यकों से बिना शर्त माफी मांगें क्योंकि वह अपने मुसलमान भाइयों को आतंकियों के रहम-ओ-करम और बंदूकों और संगीनों के साए में छोड़कर भाग खड़े हुए थे

रशीद के बयान की प्रतिक्रिया पर ट्विटर पर इसके विरोध में बयानों की बाढ़ आ गई है। निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद के बयानों को जम्मू-कश्मीर सरकार ने खारिज किया है। राज्य के शिक्षा मंत्री नईम अख्तर ने कहा कि वह रशीद के बयान से सहमत नहीं हैं। कश्मीरी पंडितों के माफी मांगने का कोई कारण ही नहीं है। उन्हें काफी दुर्भाग्यपूर्ण हालात में घाटी में अपने घरों को छोड़ना पड़ा।

जम्मू-कश्मीर के विधायक ने कहा कि कश्मीरी पंडित उस समय घाटी छोडकर भागे थे, जब कश्मीर में आतंक का दबदबा था। आए दिन रेप और मर्डर होना आम बात है। हिरासत में निर्दोषों को प्रताड़ित किया जा रहा था। रशीद ने कहा कि कश्मीरी पंडितों को पर्यटकों की तरह नहीं, बल्कि भाइयों की तरह हर हालात में साथ देने के वादे के साथ लौटना चाहिए।

स्रोत : नवभारत

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