चोपडा (जलगांव) – यहां के शेतपुरा इस क्षेत्र में धर्माभिमानी श्री. सुनील सोनगिरे, श्री. जयेश बडगुजर, श्री. ईश्वर राजपुत तथा अन्य धर्माभिमानी हिन्दू नवग्रह मंदिर का मार्ग दर्शानेवाला फलक प्रकाशित करने हेतु सिद्धता कर रहे थे । इस की अस्वीकृती प्रदर्शित करने हेतु तथा पूर्व का क्रोध मन में रख कर ७० से ८० जिहादीयोंने हिन्दुओं की पिटाई की । इस आक्रमण के समय धर्माभिमानी श्री. सोनगिरे तथा श्री. राजपुत के सिरपर कुदली से घाव किए गए, तो श्री. बडगुजर पर फावडे से घाव किया । इस आक्रमण के कारण तीनों धर्माभिमानी गंभीरता रूप से घायल हुए । (हिन्दुओ, जिहादीयों से अपनी रक्षा करने हेतु स्वसंरक्षण प्रशिक्षण प्राप्त करें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) उन्हें त्वरित रुग्णालय में प्रविष्ट किया । श्री. सुनील के शरीर पर ४५ ग्रॅम सुवर्ण की, २० ग्रॅम वजन का चांदी का ब्रेसलेट जिहादीयों ने बलपूर्वक हुसकाया । तत्पश्चात् आशा टॉकीज चौक, जबरे राममंदिर, भाजी मार्केट में जिहादीयों ने पथराव किया । कुछ समय पश्चात् पुलिस उपस्थित हुए । तदनंतर परिस्थिती नियंत्रण में आई तथा सभी को शांति से रहने का आवाहन किया गया । (उद्दंड जिहादीयों पर त्वरित कडी कार्रवाई करने की अपेक्षा शांत रहने का आवाहन करनेवाले पुलिस हिन्दुओं की क्या रक्षा करेंगे ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) श्री. सोनगिरे धर्मकार्य हेतु निरंतर तत्पर रहते हैं । इसी कारण के लिए उनपर आक्रमण किया गया, ऐसी चर्चा की जा रही है । इससे यह स्पष्ट होता है कि, जिहादीयों पर पुलिस का किसी भी प्रकार का नियंत्रण नहीं है ! ऐसे पुलिसकर्मियों की आवश्यकता ही क्या है ?
पुलिस के सामने ही जिहादीयों ने पथराव तथा दोपहिएवाले वाहनों की तोडफोड की !
पुलिस द्वारा आयोजित किए गए शांतता समिति की बैठक के लिए ३०० से ४०० हिन्दू युवक इकट्ठा हुए थे । पुलिस अधीक्षक केवल १ घंटा विलंब पहुंचे । उस समय उनके साथ ४-५ मुसलमान तथा कुछ नेताएं थे । उन्हें देखकर हिन्दू युवक वहां बाहर आकर ठहरें । पुलिस ने हिन्दुओं को बताया कि, आपमें से किसी को रूकना है, तो रूकें । अन्य यहां से जाईएं । तदनंतर यहां से सर्व हिन्दू जाने लगे । उस समय कुछ जिहादीयों ने आकर पुलिस अधीक्षक तथा अन्य पुलिसकर्मियों के सामने ही पथराव किया तथा कुछ दोपहिएवाले वाहनों की तोडफोड की । कुछ समय पश्चात् अमाशा टॉकीज चौक, गोल मंदिर, शेतपुरा इस क्षेत्र में पथराव आरंभ हुआ । अतः पुनः तनाव की स्थिती उत्पन्न हुई ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात