फाल्गुन कृष्ण पक्ष तृतीया, कलियुग वर्ष ५११५
* जैन मुनीश्री विरागसागर महाराजकी ७०० कि.मी. पदयात्राकी सफलता !
* जो जैन संत करते हैं, वह हिंदुओंके संत एवं उनके तथाकथित बलवान हिंदुनिष्ठ संगठन क्यों नहीं कर सकते ?
* हिंदुनिष्ठ नरेंद्र मोदीके राज्यमें पशुवधगृह बंद करने हेतु जैन संतोंको आंदोलन करना पडता है, यह लज्जाजनक है ! क्या मोदी प्रधानमंत्री होनेपर हिंदुत्वके लिए कार्य करेंगे ?
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व्यासपीठपर उपस्थित जैन मुनी
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गोवंश हत्याविरोधी आंदोलनमें सम्मिलित कार्यकर्ता एवं नागरिक
भावनगर (गुजराथ) : पूरे विश्वमें जैन धर्मियोंका श्रद्धास्रोत यहांका विश्वविख्यात अहिंसा नगरी पालिताला तीर्थक्षेत्र अब पशुवधगृहसे मुक्त होगा । पिछले अनेक माहसे चल रहा यह संघर्ष अहिंसा संघके सूत्रधार जैन संत पूज्य श्री विरागसागर महाराजद्वारा कृत मुंबईसे पालितालातक ७०० कि.मी.की पदयात्रा एवं जागरन मुहिमकी सफलता है । जनपदाधिकारी कताराने निश्चित रूपसे कहा है कि पालितालासे ९ किलोमीटरकी परिधिमें किसी भी प्रकारके पशुवधगृहोंका निर्माण कार्य नहीं होगा तथा कानूनके अनुसार पालिताला अहिंसा नगरीके रूपमें घोषित होनेके कारण इन पशुवधगृहोंके विरुद्ध त्वरित कार्यवाहीके आदेश भी उन्होंने दिए ।
१. इस आंदोलनमें पूज्य जैनाचार्य श्री दौलतसागर सूरीश्वरजी तथा पूज्य आचार्य श्री नन्दीवर्धनसागर महाराजके नेतृत्वमें ५०० से अधिक साधु-साध्वी सम्मिलित हुए थे ।
२. सिंह गर्जनाके स्वामी जैनाचार्य अशोकसागर सूरीश्वरजी एवं तेजस्वी प्रवचनकार श्री लब्धिचंद्रसागरजी महाराजकी वाणीसे प्रेरित होकर सहस्रोंकी संख्यामें कार्यकर्ता एवं नागरिक आंदोलनमें सम्मिलित हुए थे । उनकी संख्या देखकर प्रशासनद्वारा उन्हें आंदोलनमें सम्मिलित होनेसे रोकनेका प्रयास किया गया था । (नरेंद्र मोदीके राज्यमें पशुवधगृहके विरुद्ध होनेवाले आंदोलनको रोकनेका प्रयास कैसे होता है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
३. पालितालामें विशाल फेरी निकाली गई एवं उसकी परिसमाप्ति जनपदाधिकारी कार्यालयके समक्ष हुई । पूरा पालिताला परिसर उत्स्फूर्त रूपसे बंद रखा गया था । ‘’गाय काटनेवालोंको फांसी दो… फांसी दो, जो जीवरक्षाकी बात करेगा, वही गुजराथपर राज करेगा, पशुवधगृह बंद करो’’ इस प्रकारकी घोषणाओंसे आसमान गूंज उठा । नागरिकोंका रोष देखकर जनपदाधिकारी कतारा भावनगरको चले गए; परंतु जैन मुनीजीने उनसे मिलकर विचार-विमर्श करनेका आग्रह करनेके पश्चात उन्हें पालिताला आना पडा । नागरिकोंका संतप्त देखकर उन्होंने त्वरित उनकी मांगें स्वीकृत कर ली ।
४. महावीर एवं तीर्थंकारकी पवित्र भूमि पालितालामें २५० से अधिक पशुवधगृह हैं । कानूनके अनुसार यह नगर अहिंसा नगरीके रूपमें घोषित है । तो भी कानूनका उल्लंघन कर अवैध रूपसे ये पशुवधगृह चालू है तथा यहां प्रतिदिन भारी मात्रामें गोवंश हत्या हो रही है । (क्या कानूनका उल्लंघन कर होनेवाली गोहत्या मोदी प्रशासनको नहीं दिखाई दे रही थी ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) इसीलिए संत पूज्य श्री विरागसागर महाराजने उनके शिष्यों एवं नागरिकोंकी इच्छाके अनुसार ७०० किलोमीटरकी पदयात्रा की । इस पदयात्राकी सफल परिसमाप्तिके लिए उन्होंने समाधान व्यक्त किया है ।
देशभरमें भ्रमण कर संपूर्ण देश गोवंश हत्यासे मुक्त करनेका निर्णय !
इस प्रकार हिंदुओंके कितने संघ एवं संगठन कहते हैं ?
जहां अवैध रूपसे गोवंश हत्या हो रही है, वहां अहिंसा संघके माध्यमसे पुलिसकी अपेक्षा हमारे कार्यकर्ताओंका दल अधिक सतर्क रहेगा । स्थानीय प्रशासनके माध्यमसे ये अवैध धंदे बंद किए जाएंगे । इस देशमें गोवंश सुरक्षा ही हमारी प्राथमिकता है । इसके लिए हम सभी दृष्टिसे प्रयास करेंगे । पूज्य मुनिश्री विरागसागर महाराजने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा, ' देशभर भ्रमण कर संपूर्ण देश गोवंश हत्यासे मुक्त करनेका निश्चित ध्येय हम साध्य करेंगे ।' उसी प्रकार उन्होंने इस आंदोलनमें सम्मिलित कार्यकर्ताओंकी प्रशंसा की ।
प्रशासनद्वारा स्वीकृत मांगें !
१. पालिताला नगरके सभी पशुवधगृह नगरसे ९ किलोमीटर दूरीके बाहर हटा दिए जाएंगे । जो इसका पालन नहीं करेगा, उसपर कानूनके अनुसार कार्यवाही की जाएगी । उनके मालिकको निकाला जाएगा ।
२. पालिताला अहिंसा नगरीके रूपमें घोषित है । इसलिए कानूनके अनुसार यहां भविष्यमें भी पशुवधगृहोंका निर्माण न होनेहेतु ध्यान दिया जाएगा ।
३. मांस, मछली, अंडे तथा मद्यका क्रय-विक्रय नहीं होगा । इस विषयमें भी प्रशासकीय स्तरपर दक्षता ली जाएगी । इस विषयमें सूचना तथा प्रसारमाध्यम एवं ध्वनिक्षेपकद्वारा घोषणा की जाएगी । वाहनोंपर वस्रफलक (बॅनर) तथा अनेक स्थानोंपर फलक लगाकर इस विषयमें जानकारी दी जाएगी ।
४. हेल्पलाईन भी आरंभ की जाएगी । इसके माध्यमसे आनेवाले परिवादोंका तत्काल निराकरण होगा । परिसरमें पहरा बढा दिया जाएगा ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात