नासिक : महाराष्ट्र के नासिक जिले में मंगलवार को दंगा भडक गया। यह घटना तब हुई जब सिंहस्थ कुंभ मेले के उद्घाटन के लिए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी शहर में आए हुए थे।
कहां भडका दंगा
नासिक के पेठ तहसील के हरसुल गांव में दो समुदायों के बीच हुए संघर्ष के दौरान २० पुलिसकर्मियों को गंभीर चोट आई। लोगों को काबू करने के लिए पुलिस को गोलियां तक चलानी पड़ी। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई।
ऐसे शुरू हुआ विवाद
एक सप्ताह पूर्व हरसुल के रहने वाले भगीरथ चौधरी का शव गांव के जुबेर शेख के कुएं में मिला। चौधरी के परिजनों ने शेख के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करवाया। लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी पुलिस द्वारा आरोपियों को गिरफ्तार न करने से नाराज परिजनों ने पुलिस पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट को मैनेज करने और आरोपी को बचाने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को तोड़फोड़ शुरू कर दी। एक पक्ष के लोगों ने दूसरे पक्ष के लोगों की दुकानों में पहले तोड़फोड़ की और फिर वहां खड़ी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। मामला बढ़ता देख पुलिस को भीड़ पर काबू पाने के लिए गोलियां चलानी पड़ी। इस गोलीबारी में घायल हुए रामदास बुधर नामक युवक की हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद एक पक्ष का गुस्सा और भडक गया। लोगों ने मौके पर मौजूद पुलिसवालों की पिटाई शुरू कर दी और उनकी गाड़ियां तोड डालीं। इस घटना में तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और १७ कांस्टेबल घायल हो गए। इन्हें नासिक के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
गृहमंत्री के जाने के बाद हुआ विवाद
जिले की अधिकांश पुलिस कुंभ क्षेत्र में आने वाले वीवीआईपी की सुरक्षा के लिए ड्यूटी पर थी। राजनाथ सिंह के दिल्ली रवाना होने के कुछ ही समय बाद यह विवाद शुरू हुआ। घटना की जानकारी जैसे ही पुलिस के आलाधिकारियों को हुई, करीब ३०० जवान हरसुल भेजे गए।
स्त्रोत : दैंनिक भास्कर