नई दिल्ली – तिब्बत मूल के लोगों को चीन मेें अब खासी मुश्किलों का सामना पड सकता है। दरअसल तिब्बतियों को पासपोर्ट हासिल करने से रोकने की बाबत चीन ने प्रभावशाली ढंग से प्रतिबंध लगाया है। विदेश जाने वाले चीनी पर्यटकों की संख्या में उछाल को मद्देनजर रखते हुए ह्यूमन राइट्स वॉच ने सोमवार को इस सम्बंध में जानकारी दी।
रिपोर्ट में कहा गया कि चीनी अधिकारियों ने दो स्तरों वाली व्यवस्था बनाई है। पहली देश के जातीय बहुसंख्यकों यानी हान समुदाय के लिए है। दूसरी उन क्षेत्रों के लिए है, जहां तिब्बती मूल के लोग और मुस्लिम अल्पसंख्यक रहते हैं। यह दूसरी व्यवस्था ज्यादा जटिल है।
संस्था में चीन की डायरेक्टर सोफी रिचर्डसन ने कहा, ‘अगर आप धार्मिक अल्पसंख्यक हैं व अल्पसंख्यक इलाकों में रहते हैं तो पासपोर्ट मिलना असंभव है। चीन में आमतौर पर पासपोर्ट १५ दिन में जारी हो जाता है। इससे देर होने पर अफसरों को जवाब देना पडता है।
लेकिन तिब्बत और शिनजियांग में अफसर पासपोर्ट आवेदन के पुराने तरीके अपनाते हैं। इनके तहत सभी दस्तावेज की गहन जांच होती है। कई बार तो राजनीतिक संपर्कों की भी जांच होती है। केवल उन्हें ही पासपोर्ट मिलने की संभावना रहती है, जिन्हें बीजिंग का शीर्ष नेतृत्व दिलवाना चाहे।
स्रोत : हरीभूमी