यह ध्यान में लें कि न्याय मिलने हेतु हिन्दू निवेदन, मोर्चे, आंदोलन इत्यादि वैधानिक मार्गों का आधार लेते हैं, जबकि धर्मांध सीधे कानून हाथ में लेते हैं !
उद्दंड धर्मांधों द्वारा पुलिसकर्मियोंं पर आक्रमण !
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चेन्नई – पुलिसकर्मियों के कारण ही वेल्लोर जिले में स्थित अम्बुर में एक हिन्दू लडकी का अपहरण करनेवाले धर्मांध की पुलिस कोठरी में मृत्यु हुई, ऐसा शोर मचाते हुए सहस्रों धर्मांधों ने पुलिसकर्मी पर आक्रमण किया । इस आक्रमण में ५० से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए तथा करोडों रुपयों की सरकारी एवं खाजगी संपत्ति की हानि की गई । हिन्दू मक्कल कत्छी के (हिन्दू जनता की आघाडी) अध्यक्ष श्री. अर्जुन संपथ ने प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र देकर इस पूरे प्रकरण की जांच कर न्याय देने की मांग की है । इसमें उन्होंने आगे दी गई मांगें की हैं ।
१. प्रत्येक घायल पुलिसकर्मी को १ लक्ष रुपयों की आपूर्ति हो तथा जिनकी संपत्ति की हानि हुई है, उन्हें पूर्ति दें एवं यह पूरी राशि हिंसा के लिए कारणभूत संगठनों द्वारा वसूल करें ।
२. गृहमंत्रालय इसकी एवं ऐसी अनेक घटनाओं की पूरी जांच कर घटना को जातीय मोड देनेवाले एवं जातीय एकता नष्ट करनेवाले धर्मांध संगठनों के विरुद्ध कार्यवाही करे ।
३.इस घटना के कारणभूत प्रत्येक व्यक्ति को बंदी बनाकर कानून के अनुसार आचरण करें । उन्हें बिरयानी खिलाकर उनके साथ विशेष व्यवहार करना कदापि स्वीकार्य नहीं ।
४. इस घटना में हिन्दू लडकी को ढूंढकर उसे एवं उसके पति को न्याय दें ।
५. श्री. अर्जुन संपथ एवं अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ नेताओं को घटनास्थल पर आने की अनुमति दी जाए ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात