फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्थी, कलियुग वर्ष ५११५
हिंदु अधिवेशनमें मार्गदर्शन करते हुए श्री. चेतन जनार्दन (बार्इं ओर) तथा अन्य मान्यवर
करीनगर (आंध्रप्रदेश) : हिंदू जनजागृति समितिद्वारा १६ फरवरीको आंध्रप्रदेशके करीनगर (करीमनगर) में एक दिनका हिंदु अधिवेशन संपन्न हुआ । इस अधिवेशनके लिए हिंदु धर्माभिमानियोंद्वारा उत्स्फूर्त प्रतिसाद प्राप्त हुआ । उस समय वक्ताओंद्वारा प्रस्तुत किए गए विचार यहां प्रकाशित कर रहे हैं ।
१. श्री. जीतेंद्र प्रसाद, प्रमुख पुजारी, कोंडगट्टू हनुमान मंदिर : साधकोंके पास अध्यात्मिक बल होनेके कारण ही एक साधक एक सहस्र लोगोंके लिए भारी हो सकता है । अतः सर्व हिंदुओंको स्वयंमें आत्मबल उत्पन्न करनेके लिए अध्यात्मिक साधना करनेकी आवश्यकता है ।
२. श्री. बंडी संजय, नगराध्यक्ष, करीनगर, भाजपा : ईसाईयोंके कार्यक्रमके लिए उन्हें आंमत्रित करनेकी आवश्यकता नहीं होती; किंतु हिंदुओंकी स्थिति इतनी दयनीय हो गई है कि यदि हिंदुओंका कार्यक्रम आयोजित करना है, तो अधिक परिश्रम करने पडते हैं । किसी भी दलका कार्यकर्ता होनेपर उसे एक हाथमें दलका झंडा, तो दूसरे हाथमें भगवा ध्वज संभालना पडता है । हम ऐसे ही हिंदुनिष्ठ राजनेताओंकी सहायता करेंगे । हिंदू जनजागृति समिति हिंदु समाज स्थापित करनेके लिए युवकोंको दिशा दे रही है ।
३. श्री. चेतन जनार्दन, समन्वयक, हिंदू जनजागृति समिति, आंध्रप्रदेश : भविष्यमें आनेवाले तीव्र आपत्कालका सामना करने हेतु सर्व हिंदुओंको अभीसे ही संगठित होना चाहिए । यदि हिंदु अपने ऊपर आनेवाली आपत्तिकी ओर ध्यान देंगे, तो ही वे भविष्यमें आनेवाली कालावधिका सामना कर सकेंगे ।
४. सुंदर चैतन्यस्वामी सत्संगके जनपद प्रमुख श्री. दारम विनोदने गोरक्षाके संदर्भमें आयोजित किए गए अभियानके संदर्भमें जानकारी दी ।
५. हिंदु धर्मकी वर्तमान स्थितिके संदर्भमें विश्व हिंदु परिषदके करीनगर जनपद अध्यक्ष श्री. भुस्सा श्रीनिवासने बताया । डॉ. राधाकृष्णद्वारा बताया गया है कि सकारात्मक स्पंदन तथा विदेशमें हिंदु धर्म किस प्रकार अपनाया जाता है ।
६. उस समय करीनगरके चेंबर ऑफ कॉमर्सके श्री. सी.एच्. श्रीनिवास, हिंदवी पत्रिकाके प्रमुख संपादक श्री. मासम मारुति प्रसाद, करीमनगर पतंजली योगपीठके अध्यक्ष श्री. बी.वी. रावकी मुख्यरूपसे उपस्थिति थी ।
क्षणिकाएं
१. दोपहरके सत्रमें की गई गुटचर्चामें करीनगरके वेमुल भवनके शिव मंदिरमें दर्शन हेतु जानेवाले हिंदुओंसे टिकटका अधिक किराया प्राप्त किया जाता है । उसका विरोध करने हेतु सभीने एकत्रित आकर आंदोलन करनेका निश्चय किया ।
२. कोंडगट्टू हनुमान मंदिरके प्रमुख पुजारी श्री. जीतेंद्र प्रसादने हिंदू जनजागृति समितिके भविष्यमें होनेवाले प्रत्येक कार्यके लिए सहयोग देनेकी स्वीकृति दी ।
३. इस्लामिक विश्वविद्यालयका विरोध करने हेतु करीनगरमें श्री व्यंकटेश्वर सेनाकी शाखा आरंभ की गई ।
४. अधिवेशन समापनके समय समितिको पूरा सहयोग देनेवाले व्यावसायी करअधिकारी श्री. तिरुपतिका आदर किया गया ।
५. करीनगर पतंजली योगपीठके अध्यक्ष श्री. बी.वी. रावने समितिके कार्यसे प्रभावित होकर अर्पण दिया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात