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…तो बांग्लादेशको दी गई स्वतंत्रता छीन लेंगे ! – पुणेके हिंदुनिष्ठोंद्वारा दी गई चेतावनी

फाल्गुन कृष्ण पक्ष पंचमी, कलियुग वर्ष ५११५

बांग्लादेशके हिंदुओंके पक्षमें तथा मृतवत भारत शासनके विरोधमें राष्ट्रीय हिंदु आंदोलनमें हिंदुनिष्ठोंद्वारा दी गई चेतावनी


पुणे : बांगलादेशके अल्पसंख्य हिंदुओंपर अनन्वित अत्याचार हो रहे हैं । अब उसकी संख्या २६ प्रतिशतसे ९ प्रतिशतपर आ गई है । हिंदु स्त्रियोंपर बलात्कार करना, हिंदुओंके मंदिरोंको तोडना, घरोंको लूटना, दुकान उद्धवस्त करना इस प्रकारकी घटनाएं सदाकी ही हो गई हैं । बांग्लादेशके धर्मांध घुसपैठियोंको शिधापत्रिकाओंके समान सुविधाओंकी पूर्ति करनेमें मग्न भारत शासनको बांग्लादेशके अल्पसंख्य हिंदुओंकी ओर ध्यान देनेके लिए बिलकुल समय ही नहीं । भारत शासनको निष्क्रियता छोडकर बांग्लादेशके हिंदुओंके संदर्भमें वहांके शासनको फटकारना चाहिए, साथ ही मानवाधिकारोंकी सुरक्षाके लिए न्यायाधीशोंका एक जांच दल वहां भेजना चाहिए ।

हिंदू जनजागृति समितिके पिंपरी-चिंचवड समन्वयक श्री. पराग गोखलेने यह चेतावनी दी कि बांग्लादेशको हिंदुओंद्वारा ही स्वतंत्रता प्राप्त हुई है । अतः वे इस बातका भी भान रखें कि वहांके हिंदुओंपर होनेवाले अत्याचार यदि रोके नहीं गए, तो बांग्लादेशको प्राप्त स्वतंत्रता भी छीन ली जाएगी । बांग्लादेशके अल्पसंख्यक हिंदुओंपर होनेवाले अत्याचार रोकने हेतु १६ फरवरीको फग्र्युसन महाविद्यालय पथके गुडलक चौकपर तीव्र प्रदर्शन किया गया, उस अवसरपर श्री. गोखलेने यह वक्तव्य दिया । १५० से अधिक धर्मप्रेमी इस प्रदर्शनमें सम्मिलित हुए थे । उस समय हस्ताक्षर अभियानका आयोजन किया गया ।

क्षणिकाएं

१. स्थानीय अपराध अन्वेषण विभागका एक पुलिस अधिकारी अंततक आंदोलनके लिए उपास्थित था । ( इस प्रकारका ध्यान यदि पुलिसने आतंकवादियोंपर रखा होता, तो अभीतक देश आतंकवादमुक्त हो जाता ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
२. एक विदेशी महिलाने भ्रमणभाषद्वारा प्रदर्शनका छायाचित्रण किया ।
३. ९ फरवरीको हिंदू जनजागृति समितिद्वारा शनिवारवाडामें हिंदु धर्मजागृति सभाका आयोजन किया गया था । तदुपरांत आयोजित किए गए ब्यौरा बैठकमें सर्वश्री सुनील मोटगी, चंद्रशेखर राजपूत, विनोद गोसावीके साथ २५ लोग इस आंदोलनके लिए उपास्थित थे । ( ऐसे धर्माभिमानी हिंदु सर्वत्र होने चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

आंदोलनके स्थानपर सामने ही पुलिसवाले उपास्थित थे । पुणे पुलिसने इस आंदोलनके लिए समितिके एक कार्यकर्ताको भारतीय दंड विधान संहिता धारा १४९ के अनुसार नोटिस कार्यााqन्वत की थी । ( धर्मांध अथवा अन्य पंथके संगठनोंद्वारा किए गए आंदोलकोंको पुलिसवाले क्या इस प्रकारकी नोटिस भेजनेका साहस कर सकते हैं ? हिंदु राष्ट्रमें ऐसे हिंदुद्वेषी पुलिसकर्मियोंको कडी साधना करनेका दंड दिया जाएगा । – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

प्रदर्शनके लिए उपान्वित मान्यवर

शिवसेना नगरप्रमुख सर्वश्री शाम देशपांडे, युवा सेनाके पुणे नगराध्यक्ष किरण साळी, अजीत जाधव, पूज्यपाद संत श्री आसारामजी बापू संप्रदायके विजय चोरडिया, पतितपावन संगठनके पुणे नगर उपाध्यक्ष विक्रम मराठे, धर्माभिमानी विजय कस्तुरे, मनोज महाजन, स्वप्निल घाग, हिंदु राष्ट्र समूहके विराज वाघमारे, सागर दांगट, अनिल म्हस्के, गोपाळ सोहोनी, प्रशांत आरवलकर आदि ।

श्री. शाम देशपांडे, नगरप्रमुख, शिवसेना – बांग्लादेशके हिंदुओंपर होनेवाले अत्याचारोंका मैं खुले आम निषेध व्यक्त करता हूं । बांग्लादेशके घुसपैठ धर्मांध यहांकी नागरिकता प्राप्त कर पूरे देशमें पैâल रहे हैं । शिवसेनाप्रमुख बाळासाहेब ठाकरेने कांग्रेस शासनको इस संदर्भमें चेतावनी भी दी थी । शिवसेना समितिके साथ है । इस आंदोलनमें केवल संगठित होनेकी अपेक्षा हिंदु हितके लिए कार्य करनेवाले लोगोंको ही मतदान भी करें ।

श्री. मनोज महाजन, हिंदु धर्माभिमानी – मुगल कालावधिसे हिंदुओंपर अत्याचार हो रहे हैं । हिंदु स्त्रियोंसे विवाह करना, उन्हें अनैतिक मार्गपर ले जाना, ये उनके शस्त्र हैं । अल्पसंख्यकोंकी चापलूसी करनेकी अपेक्षा हिंदुओंको न्याय देना चाहिए ।

श्री. विक्रम मराठे, पतितपावन संगठन, पुणे नगर उपाध्यक्ष – बांग्लादेशमें हिंदुओंपर अत्याचार हो रहे हैं । उनके विरोधमें आयोजित किए जानेवाले आंदोलनके लिए हमारा सहयोग है । समितिका आंदोलन कहीं भी हो, हम उसमें साqम्मलित होंगे ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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