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शिवमोग्गा (कर्नाटक) : हिंदु राष्ट्र’ स्थापित करने हेतु प्रांतीय हिंदु अधिवेशन !

फाल्गुन कृष्ण पक्ष पंचमी, कलियुग वर्ष ५११५

हिंदु समाजमें जागृति करने हेतु परिणामकारक एवं सफल आंदोलन कैसे किया जाए, इस विषयमें गहरा विचार-विमर्श करना इस अधिवेशनका उद्देश्य है ।


बाइं ओरसे कु. प्रियांका स्वामी, श्री. केशव मूर्ति, श्री. महेश बाबू

बाइं ओरसे कु. प्रियांका स्वामी, श्री. केशव मूर्ति, श्री. महेश बाबू


उपस्थित धर्माभिमानी

उपस्थित धर्माभिमानी

शिवमोग्गा(कर्नाटक) : हिंदू जनजागृति समितिद्वारा यहांके श्री अंतरगट्टम्मा समुदाय भवन सेगेहट्टीमें हिंदू अधिवेशन आयोजित किया गया । कार्यक्रमका उद्घाटन कोटे अंजनेय स्वामी देवस्थानके प्रमुख पुजारी श्री. केशव मूर्ति, विश्व हिंदु परिषदके शिवमोग्गा जिला संचालक श्री. महेश बाबू एवं सनातन संस्थाकी कु. प्रियांका स्वामीके शुभहाथों दीपप्रज्वलनसे किया गया ।

लवजिहाद समान प्रकरणोंसे जागृत होकर अपने बहनोंकी रक्षा करें ! – श्री. मारुति भंडारी

इतिहासके पृष्ठोंको पलटनेपर ध्यानमें आता है कि भारतपर आक्रमण करनेवाले महंम्मद घोरी, महम्मद गजनी आदि व्यक्तियोंने हिंदुओंका केवल धर्मपरिवर्तन करनेका ही प्रयास नहीं किया है, अपितु लाखों हिंदुओंका धर्मपरिवर्तन कर उन्हें मुसलमान बनाया है । इसी पद्धतिसे भारतको इस्लामिक राष्ट्र करने हेतु लवजिहादको प्रमुख अस्त्रके रूपमें प्रयुक्त करनेका नियोजन है; इसलिए प्रत्येक व्यक्तिको लवजिहाद रोकने हेतु प्रयास करना चाहिए ।

हिंदु धर्मकी रक्षाहेतु धर्माधिष्ठित हिंदु राजनीतिज्ञोंको ही चुनकर दें ! – कु. प्रियांका स्वामी

कोई भी राजनीतिक पक्ष अथवा राजनीतिज्ञ हिंदुओंपर ध्यान नहीं देता । मतके लिए वह अल्पसंख्यकोंकी चापलूसी करता है । अल्पसंख्यकोंमें एकता होनेके कारण राजनीतिक पक्ष उनकी चापलूसी करनेका प्रयास करते हैं । यदि हम केवल २५ प्रतिशत हिंदु एकत्रित आए, तो भी राजनीतिज्ञ हिंदुत्वके लिए कार्य करेंगे; इसलिए २०१४ के लोकसभा चुनावमें मतयाचना करने हेतु आए राजनीतिज्ञोंसे ‘वे हिंदुओके लिए क्या करेंगे,’ इसके संदर्भमें घोषणापत्रमें लिखकर स्पष्ट करें तथा हिंदु राष्ट्रके लिए उनका ध्येय स्पष्ट करें !’’ ऐसी मांग करना चाहिए ।

मंदिरोंके सरकारीकरण्रसे होनेवाले दुष्परिणाम जानकर हिंदु धर्मपर होनेवाले आक्रमणोंको रोकें !  – श्री. विजय रेवनकर

मंदिरोंके सरकारीकरणके कारण सरकार मंदिरमें हिंदु बंधुओंद्वारा अर्पित धन हज यात्रा एवं मदरसोंको दे रही है । दूसरी ओर जिर्णोद्धार न होनेके कारण हिंदुओंके मंदिरोंकी अवस्था चिंताजनक हो गई है । इसलिए मंदिरोंका सरकारीकरण रोकना चाहिए ।
हिंदू जनजागृति समितिके श्री. गुरुप्रसादने अधिवेशनका उद्देश्य सूचित करते हुए कहा कि वर्तमान समयमें हिंदु धर्मपर निरंतर आक्रमण हो रहे हैं । लवजिहाद, धर्मपरिवर्तन, मंदिरोंका सरकारीकरण इत्यादि पद्धतिसे हिंदु धर्मपर होनेवाले आघातोंमें दिनोंदिन वृदि्ध हो रही है । हिंदु समाजमें जागृति करने हेतु परिणामकारक एवं सफल आंदोलन कैसे किया जाए, इस विषयमें गहरा विचार-विमर्श करना इस अधिवेशनका उद्देश्य है । 

क्षणिकाएं

१. भद्रावतीके धर्माभिमानी श्री. शिवकुमारने अपनी इच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि उनके गांवमें ऐसा अधिवेशन लिया जाए, जिसका संपूर्ण नियोजन वे स्वयं करेंगे ।
२. भद्रावतीके श्री. महेशजीने अपने घरके आसपास स्थित मंदिरोंमें धर्मशिक्षा वर्ग लेनेका नियोजन करनेके लिए कहा ।
३. शिवमोग्गा जिलेके श्री. रवी कामतने समितिके किसी भी कार्यक्रममें सभी हिंदुनिष्ठ संगठनोंको सम्मिलित करनेका स्वयं होकर दायित्व लिया ।
४. अंधश्रद्धा निर्मूलन कानूनके विषयमें हुई गुटचर्चामें श्री. चन्नकेशव नामक अध्यापकने अ‍ेत्यधिक उत्साहपूर्वक कहा, ‘मैं अपने विद्यालयके सभी बच्चोंको हिंदु धर्माचरण एवं संस्कृतिके विषयमें जानकारी दूंगा तथा समितिके सभी आंदोलनमें सक्रिय रूपसे सम्मिलित रहूंगा ।’
५. बजरंग दलके जिला संचालक  श्री. दीनदयालने अपने भाषणमें कहा, ‘हिंदू जनजागृति समितिद्वारा सुनियोजित एवं सुव्यवस्थित रूपसे कार्यक्रम होता हुआ देखका अत्यधिक आनंद हुआ ।’
६. श्री. दिलीप कुमार पांडेने अपना अभिप्राय व्यक्त करते हुए कहा, ‘आपकी आस्था, अनुपालन बहुत पसंद आया । मैं उसका पालन करूंगा ।’

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात 

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