फाल्गुन कृष्ण पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११५
स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती समितिके कार्यकर्ताओंको
विविध नियतकालिकोमें उनके झारखंड भ्रमणकी कालावधिमें प्रसिद्ध हुए समाचार दिखाते हुए
जमदेशदपुर (झारखंड) – ‘सनातन संस्था’ तथा ‘हिंदू जनजागृति समिति’का समाजको उचित दिशा देनेका कार्य प्रशंसनीय है । समितिके कार्यकर्ता समय-समयपर संपर्कमें रहते हैं, ‘काशी सुमेरु पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती’ने ऐसा कहकर समिति तथा सनातनके कार्यको आशीर्वाद दिए ।
स्वामीजी अपनी पुरुलिया (बंगाल) यात्राकी कालावधिमें कुछ समय जमशेदपुर रुके थे, उस समय सनातनके साधक तथा समितिके कार्यकर्ता श्री. आनंद महाराणा, श्री. आलोक पांडे, श्री. बी.वी.आ कृष्णा एवं श्री. वैभव आफळेने स्वामीजीके दर्शन तथा आशीर्वाद प्राप्त किए ।
सनातन-निर्मित धर्मशिक्षा फलक ग्रंथ स्वामीजीको दिखाते ही, उसमें धर्मशिक्षाके संदर्भकी लिखाई पढकर, आजकी पीढीको इसीकी आवश्यकता है तथा आप वही कर रहे हो, यह प्रशंसनीय है, उन्होंने ऐसी प्रतिक्रिया व्यक्त की ।
‘काशी सुमेरु पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती’ वर्ष २०१३ में कुंभमेलेकी कालावधिमें मध्यप्रदेशके धार स्थित ‘भोजशालाके आंदोलन’में सम्मिलित हुए थे । इस अवसरपर उन्होंने समितिके कार्यकर्ताओंको धार आंदोलनके समय प्रत्यक्ष अनुभव किए प्रसंग बताए ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात