फाल्गुन कृष्ण पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११५
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'छत्रपति शिवाजी महाराज'को 'जिजाबाई'ने बचपनमें 'राम -कृष्ण'की कथा सुनाकर उनपर अध्यात्मिक संस्कार किए । इन अवतारोंद्वारा किए दुर्जनोंके नाशका इतिहास सुनाकर उन्होंने शिवाजी महाराजमें अंतर्भूत क्षात्रतेज विकसित किया । धर्मांधोंद्वारा हिदुओंपर किए अत्याचार सुनाकर उन्होंने छत्रपतिको हिंदवी स्वराज्य स्थापित करने हेतु सिद्ध किया; तथा इन संस्कारोंके कारण ही छत्रपतिने 'हिंदवी स्वराज्य' स्थापित किया । गोहत्या करनेवाले धर्मांधोंको पाठ पढाने तथा मंदिरोंकी रक्षा करनेसे ही हिंदु जनताने उन्हें ‘अपना राजा’ स्वीकार किया । शिवाजी महाराजके पश्चात ‘छत्रपति संभाजी महाराज'ने इस्लाम को न स्वीकार हिंदु धर्मके लिए प्राणांतिक अत्याचार सहकर बलिदान दिया । इसके कारणही अगले कुछ वर्षोंमें इस देशसे मुगलोंका राज्य नष्ट हो सका । पेशवाओंने हिंदुत्वके आधारपर ही देहलीका सिंहासन तोडकर पंजाबस्थित ‘अटक’ तक 'भगवा' लहराया । यह इतिहास सुनानेके कारण, स्वयंको हिंदुत्ववादी कहलानेवाला पक्ष भाजपा इस देशमें हिंदुत्वको अस्वीकार कर राज्य करनेका प्रयास कर रहा है, तो उसका मित्र पक्ष शिवसेना ‘हिंदुत्वके आधारपर ही आगे जाते रहेंगे’, ऐसा दृढतासे कह रहा है । ‘हिंदुत्व ही राष्ट्रीयत्व', शिवसेनाप्रमुख 'बाळासाहेब ठाकरे'ने ऐसा कहते हुए तथा ‘गर्व से कहो हम हिंदु हैं,' ऐसी घोषणा देकर हिंदुत्वका प्रसार किया । इसी कारण शिवसेनाप्रमुखके विरुद्ध ६ वर्षोंतक मतदान करनेपर बंदी लगाई गई, तो इस कारण उनके कुछ विधायकोंकी विधायकी भी गई । भाजपाके संदर्भमें ऐसा नहीं हुआ । अपितु वह स्वयंको हिंदुत्ववादी पक्ष कहलाता है ।
हिंदुत्वके कारण ही मोदीको जनताका समर्थन !
गुजरातके मुख्यमंत्री 'नरेंद्र मोदी' 'भाजपा'के प्रधानमंत्रीपदके उम्मीदवार हैं । १२ वर्ष पूर्वसे वे गुजरातके मुख्यमंत्री हैं तथा तीन बार चुनावमें विजयी हुए हैं । अब वे प्रधानमंत्री बननेकी स्पर्धामें हैं । मोदीकी यह प्रगति उनकेद्वारा गुजरातमें किए विकासके कारण है, ऐसा अनेक लोग सोचते है । किंतु सत्य विकास न होकर मोदीका हिंदुत्व ही महत्त्वपूर्ण सूत्र है । इसी कारण गुजरातकी जनताने उन्हें निरंतर चुनकर दिया है । तथा आगे भी मोदी हिंदुत्वके साथ रहे तो उन्हें जनताका समर्थन प्राप्त होता रहेगा । इसी हिंदुत्वके कारण १२ वर्ष पूर्वसे कांग्रेसके साथ सभी भाजपाविरोधी पक्ष उन्हें कष्ट दे रहे हैं । उन्हें ‘मौत का सौदागर' ठहरा रहे हैं । मैं `हिंदु राष्ट्रवादी हूं’, ऐसा खुला वक्तव्य देनेसे तथा मुसलमानी टोपी पहननेसे अस्वीकार करनेसे हिंदुओंको उनका अभिमान लगता है, उन्हें छोड उनके जैसा भाजपामें अन्य कोई भी नहीं । मोदीद्वारा किया गया विकास विज्ञानवादी है । भविष्यमें समाजको उससे बहुत कुछ लाभ होनेकी संभावना तो है नहीं; किंतु उनके हिंदुत्वके कारण ही वे आगे जाकर टिक पाएंगे । 'वाजपेयीजी'के नेतृत्वमें भाजपाकी सत्ता आनेका कारण बाबरी मस्जिदका पतन तथा हिंदुत्वका किया गया प्रसार ही था । ५ वर्षोंकी सत्ता कार्यान्वित करते भाजपाने राममंदिर, धारा ३७०, समान नागरी कानूनका त्याग किया तथा विकासकी ओर ध्यान दिया । विकासकार्योंके कारण मत प्राप्त नहीं होते । विकाससे क्या होता है ? लोग विकास भूल जाते हैं । प्रमोद महाजनने उस समय चुनावमें ‘इंडिया शाईनिंग' का सूत्र लाया । तत्पश्चात चुनाव हुए; किंतु क्या हुआ ? सरकार गिर गई । `विकाससे कुछ नहीं होता । कोट्यवधि रुपयोंके रास्ते बनाए, तो भी बह जाते हैं; अत: मतदाताओंको हिंदुत्व बताओ । इस भगवेकी याद दिला दो’, ऐसा आवाहन शिवसेना सांसद 'श्री. चंद्रकांत खैरे'ने किया है । ऐसे विकाससे क्या होता है, भाजपाका सबसे पुराना मित्र शिवसेना जैसा पक्ष ही ऐसे कहता है । ‘शिवसेनाने हिंदुत्वका सूत्र छोडा नहीं है तथा छोडेगी भी नहीं । हम जो हैं सो हैं । शिवसेनाको किसी भी पर्देकी आवश्यकता नही; किंतु हमने धर्मके आधारपर कभी भी पक्षपात न कर नित्य विकासको ही महत्त्व दिया है,' ऐसे शिवसेनाप्रमुखके संस्कारोंसे आगे आए उनके नाती तथा युवा सेनाके अध्यक्ष 'आदित्य ठाकरे'ने हिंदुत्वके सूत्रपर दृढ होनेकी बात स्पष्ट की । ऐसी दृढता भाजपा नहीं दिखाती । मोदी भी वर्तमानमें ऐसा कहनेका साहस नहीं दिखा रहे हैं । उनपर भाजपवालोंका दबाव होनेकी संभावनाको नकारा नहीं जा सकता ।
भाजपावाले शिवसेनासे सीख लें !
शिवसेनाप्रमुखद्वारा हाथमें लिए ज्वलंत हिंदुत्वके सूत्रके पश्चात ही भाजपाने हिंदुत्वका प्रसार किया । अभी भी शिवसेना हिंदुत्वको प्राथमिकता देकर ही विकासका सूत्र प्रस्तुत कर रही है । भाजपाको आनेवाले चुनावमें पूरा बहुमत प्राप्त होनेकी संभावना नहीं, ऐसा विविध वाहिनियोंके सर्वेक्षणसे सामने आया है । अत: सत्तामें आनेवाले भाजपाको पूर्व समयके अनुसार ही राममंदिरसे समान नागरी अधिनियमतकके सभी विषय गठरीमें बांधकर रखनेका अवसर प्राप्त होगा; किंतु उसकी अपेक्षा सीधे सूत्रोंपर जोर देनेसे तथा उस कारण प्रशासनके गिरनेसे अगले समय हिंदु जनता भाजपका पूरा समर्थन करेगी तथा उन्हें राममंदिर स्थापित करनेका अवसर देगी । यह हिसाब भाजपाको स्वीकृत होनेकी संभावना नहीं । क्योंकि भाजपामें हिंदुत्ववादी शेष नहीं रह गऐ हैं ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात