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‘कहते हैं, गोवामें श्रीराम सेनाको आश्रय नहीं देंगे !’

आषाढ शु ८, कलियुग वर्ष ५११४

 

कांग्रेसके मार्गपर चल रहे भाजपाद्वारा ईसाइयोंको आश्वासन !

 

पणजी, २५ जून (संवाददाता) – भाजपा प्रवक्ता डॉ. विल्फ्रेड मिस्किताद्वारा सासस्टी तहसीलके ईसाइयोंको यह विश्वास दिया गया , ‘जबतक भाजपा शासन है, तबतक श्रीराम सेनाको गोवामें आश्रय नहीं दिया जाएगा ।’ भाजपाद्वारा सदस्य पंजीकरण अभियान आरंभ है । उसी निमित्त ईसाई समुदायको संबोधित करते हुए डॉ. मिस्किताद्वारा विश्वास दिया गया । ( संस्कृतिकी रक्षा करनेवाले श्रीराम सेनाका राजनीतिक स्वार्थ हेतु विरोध करनेवाला भाजपा ! इस प्रकारसे कांग्रेस एवं भाजपामें क्या अंतर रह गया ? अतः हिंदु राष्ट्र (रामराज्य, आदर्श राज्य) स्थापित करना ही इसका एकमात्र  समाधान है ! – संपादक ) उस समय भाजपाके महासचिव अधिवक्ता नरेंद्र सावईकर, भूतपूर्व विधायक दामू नाईक आदि भी उपस्थित थे ।

कांग्रेसपर प्रतिवाद करते हुए डॉ. मिस्किताने बताया कि श्रीराम सेना एवं मुतालिकके सूत्रोंद्वारा कांग्रेस जनतामें धार्मिक स्तरपर दरार उत्पन्न कर रही  है । ( भाजपा भी  क्या उचित  एवं क्या अनुचित , इस बातकी ओर अनदेखा कर श्रीराम सेनाका हिंदुओंके साथ संगठित रहनेके कारण उसे गोवामें आश्रय नहीं दिया जाएगा, ऐसा आश्वासन ईसाइयोंको क्यों दे रही है ? इसमें राजनीतिक स्वार्थ ही दिखाई देता है । श्रीराम सेनाद्वारा पबमें जाकर दारू पीकर नाचगानेसे ईसाई लडकियोंको परावृत्त किया गया अथवा ‘वैलेंटाईन डे’के निमित्त व्यभिचारमें फंसकर अल्पवय युवतियोंको वासनाका शिकार होनेसे बचाया गया, तो क्या ईसाई यह  नहीं चाहते ? – संपादक)

गोवा लोकायुक्तद्वारा कार्य आरंभ होनेपर कांग्रेसके अधिकांश नेतागणोंको कारावासकी सजा भुगतनी पडेगी । कांग्रेसने गोवाको लूट लिया है । साथ ही अधिवक्ता नरेंद्र सावईकरने बताया कि प्रमुख नेता मनोहर पर्रीकरने प्राथमिक शिक्षणके माध्यमके प्रश्नपर उचित  समाधान निकाला है । ( प्राथमिक शिक्षणके माध्यमके प्रश्नपर भाजपाने चर्चकी ओरसे चलाई जानेवाली संस्था डायोसेसन सोसाइटीकी अंग्रेजी पाठशालाओंको अनुदान प्रदान कर चुनावमें प्रादेशिक भाषाओंको ही अनुदान प्रदान करनेके आश्वासनको समाप्त कर दिया है । भाजपाकी इस  नीतिके कारण गोवाकी प्रादेशिक भाषाओंका समूल उच्चाटन नहीं हुआ, तो ही आश्चर्य ! क्या ऐसी नीतिको उचित  समाधान कह सकते हैं ? – संपादक )

स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात

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