कांग्रेस समान भाजपा के राज्य में भी यदि साधु-महंतोंको भी सुविधा नहीं मिलती है, तो मोदीद्वारा बताए गए ‘अच्छे दिन’ कैसे आएंगे ?
-
बिजली नहीं
-
मच्छरोंका साम्राज्य
-
त्र्यंबकेश्वर में साधु-संत आए ही नहीं !
नासिक (महाराष्ट्र) : साधुग्राम में साधु-महंतोंके लिए भूमि अपर्याप्त होने से उन्हें तपोवन में रामसृष्टि उद्यान में भूमि दी गई है; परंतु वहां बिजली, पानी, शौचालय तथा स्नानगृह की व्यवस्था नहीं है इस लिए राजस्थान के महंत रामेश्वरदासजी संतप्त हुए हैं तथा उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि त्वरित सुविधा नहीं मिली, तो वे नासिक छोड कर जाएंगे। (इस प्रकार कितने संत-महंतोंके चेतावनी देने के उपरांत शासन जागृत होगा ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
१. रामसृष्टि में घुटने तक उंची घास है। किचड है।
२. उद्यान में लगाए गए बिजली के दिए बंद हैं। मच्छर का साम्राज्य होने से रात्रि महंतोंको नींद नहीं आती। राजस्थान के महात्यागी सनातन संत अखाडा के महामंडलेश्वर सीतारामजी महाराज ने ऐसा बताया।
३. साधुग्राम में भूमिवितरण करते समय भी प्रशासनद्वारा ढीले कामकाज के कारण अबतक महंतों में संभ्रम की अवस्था है।
४. त्र्यंबकेश्वर के समीप के पेंगलवाडी नाका के पास मातृतीर्थ के पडोस वाले महानिर्वाणी अखाडे की १७ एकड भूमि पर प्रशासन ने साधुग्राम बसाया है।
५. यद्यपि वहां ७० भूभाग सिद्ध किए गए हैं, तब भी अभी तक स्नानगृह तथा शौचालयोंका निर्माण कार्य चालू है। अतः यहां आने हेतु संत-महंतोंको अभी तक प्रतिबंध किया गया है।
६. परिणामतः त्र्यंबकेश्वर में अभी तक साधु-महंतोंको आने हेतु समय लगेगा। वर्तमान में साधु-संतोंके बिना सिंहस्थपर्व चालू है, ऐसा प्रतीत ही नहीं होता।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात