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मैंने नहीं कबूला इस्लाम धर्म: हंस राज हंस

फाल्गुन कृष्ण पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११५


 जालन्धर (पंजाब) : पंजाबी सूफी गायक व शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता हंसराज हंस ने इस्लाम धर्म अपनाने की चल रही अफवाहों पर आज विराम लगाते हुए कहा है कि वह धर्म परिवर्तन के खिलाफ हैं तथा हर वर्ष वाघा बॉर्डर पर जाकर यही संदेश देते आ रहे हैं। मुम्बई से फोन पर पंजाब केसरी से बातचीत करते हुए हंसराज हंस ने कहा कि वह पाकिस्तान के गुलाम नहीं हैं बल्कि वह अपने मुल्क व मजहब के प्रति वफादार हैं। 

यही संदेश वह दोनों देशों को देते आ रहे हैं कि अपने-अपने मुल्क के प्रति वफादारी निभाओ। हंस ने कहा कि वह जन्मजात सूफी हैं तथा सूफी को धर्म के बंधनों में बांधा नहीं जा सकता। वह तो सभी धर्मों का सत्कार करते हैं परन्तु कुछ लोगों ने उन्हें मजहब व धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि उनका धर्म केवल इंसानियत है तथा वह सभी धर्मों के लिए सांझे हैं। गायक को किसी बंधन में बांधा नहीं जा सकता है। 

यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान दौरे के दौरान इस्लाम धर्म अपनाने की चर्चाओं को बल मिला था, उन्होंने कहा कि वास्तव में वह पाक स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए गए थे। उन्हें नहीं पता कि इस संबंध में अफवाह किसने उड़ाई। हंसराज हंस ने कहा कि वह तो समूची मानवता को बेहतर इंसान बनने की सीख देते हैं। ऐसे में वह स्वयं किस तरह धर्म परिवर्तन कर सकते हैं? उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से वह वापस लौट चुके हैं तथा इस समय मुम्बई स्थित अपने निवास स्थान पर हैं। जल्द ही वह जालन्धर भी आएंगे। 

उन्होंने कहा कि वह अमन व शांति का संदेश पूरे विश्व को देते आ रहे हैं तथा आगे भी उनका अभियान ऐसे ही जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि गायक को एक बंधन में बांधना उचित नहीं है। एक अन्य प्रश्र के उत्तर में उन्होंने कहा कि उन्होंने इस्लाम धर्म कबूल करने के संबंध में किसी को कोई बयान नहीं दिया।

स्त्रोत : पंजाब केसरी

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